मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त:-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ:-31.01.2022,2:20 pm
अमावस्या तिथि समाप्त-1.02.2022, प्रातः 11:16 am तक
पितृकार्य प्रारंभ- 31.01.2022, 2:20 pm के उपरांत
महोदय योग- 1.02.2022, 6:41am से 11:16 am तक
स्नान-दान तथा व्रत हेतु अमावस्या-1.02.2022
पूर्व भाग में प्रकाशित भाग के अंश.........
अमावस्या उदया तिथि 1 फरवरी को प्राप्त हो रही है, ऐसे में अमावस्या 1 फरवरी को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, तथा 1 फरवरी को ही माघी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा, जोकि सारा दिन मान्य रहेगा, इस दिन महोदय योग 11:16 am तक रहेगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। अतः इस अमावस्या को हनुमानजी की पूजा करने से हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा मंगल ग्रह मजबूत होता है।
परन्तु मौनी अमावस्या का पितृ कार्य हेतु समय 31 जनवरी 2022, 2:20 pm को अमावस्या तिथि के प्रारंभ होने से ही मान्य रहेगा। धर्मशास्त्रों में बताया गया की अमावस्या तिथि यदि सोमवार को सूर्यास्त से कुछ क्षण पहले ही शुरू हो जाये तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। वर्ष 2022 मे यह तिथि 31 जनवरी दोपहर के समय लग रही है, जिससे पितरों के कार्य भी किए जा सकते हैं। शास्त्रानुसार जिस दिन दोपहर के समय अमावस्या तिथि लग रही हो, उस दिन पितृ पूजन और पितरों के नाम का तर्पण किया जाना चाहिए।
अतः वर्ष 2022 माघ मास में सोमवती और भौमवती अमावस्या का एक साथ होने से यह अनोखा संयोग बना है।
अमावस्या के कृत्य तथा अकृत्य कर्म
सभी तिथियाँ देवताओं की है परन्तु अमावस्या केवल पितृरो की ही तिथि होती है। शास्त्रो मे यहाँ तक कहा गया है, कि अमावस्या को उत्पन्न (जन्म लिया) बालक पितृ होता है।
गतांक से आगे ...............
हिन्दु धर्म ग्रंथों के अनुसार माघ/मौनी अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध व व्रत का विशेष महत्व है। तंत्र शास्त्र में भी मौनी अमावस्या को विशेष तिथि माना गया है। 1 फरवरी को मंगलवार होने के कारण इस माघ मास की अमावस्या मे मंगलवासरीय अमावस्या के भी गुण समाहित है, अतः मंगलवारीय अमावस्या श्रीहनुमान पूजन भी निम्नलिखित प्रकार से करके पुण्य अर्जित किया जा सकता है, तथा मान्यता है कि माघ/मौनी अमावस्या के दिन किए गए उपाय विशेष रूप से शुभ फल प्रदान करते हैं। अतः निम्नलिखित उपाय करके भक्त अपने अभीष्ट की प्राप्ति कर सकते हैं:-
मंगलवारीय अमावस्या श्रीहनुमान पूजन:-
भौमवती अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर उन्हे शीघ्र प्रसन्न कर सकते हैं। इस दिन हनुमानजी तथा मंगलदेव के निमित्त व्रत और उपवास करना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति को सुख-संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
यदि कर्ज का बोझ अधिक बढ़ गया हो इस दिन से शुरू करके नियमित रूप से ऋणमोचक मंगल स्रोत का पाठ स्वयं करें अथवा किन्हीं योग्य ब्राह्मण से भी करवाया जा सकता है ।
यदि कोई व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित हो तो इस दिन लाल कपडा, गुड़, आटा दान करें।
मौनी अमावस्या व महोदय नामक शुभ योग में किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। संभव हो तो हनुमानजी को चमेली के तेल से चोला भी चढ़ा सकते हैं। ये उपाय करने से साधक की समस्त मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
हनुमंत कृपा प्राप्ति हेतु एक प्रयोग:-
भौमवती अमावस्या के दिन किसी भी समय स्नान ध्यान करने के बाद घर के मंदिर में लाल रंग के ऊनी आसन पर बैठकर हनुमान यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र विशेष रूप से पंचधातु अथवा ताँबे का हो सकता है।
हनुमान यंत्र के ठीक सामने घी का एक दीपक प्रज्वलित कर पंचोपचार पूजन के उपरांत मूंगे की माला से निम्नलिखित मंत्र की 108 माला का जाप करे ।
मंत्र:- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
मंत्र जप के उपरांत उपरोक्त मंत्र द्वारा दशांश भाग द्वारा हवन कुण्ड में गाय के घी से आहुति दें।
हवन के समाप्त होने के बाद हनुमान यंत्र को पूजा स्थल पर रखें ।
इस प्रकार इस प्रक्रिया के बाद "हनुमान यंत्र" प्रतिष्ठा हो जाती है, जिससे हनुमानजी की कृपा से विभिन्न प्रकार के कार्यो में सफलता प्राप्त होती है ।
1. नौकरी- व्यापार, संतान संबंधी या विवाह संबंधी रूकावटो हेतु प्रयोग:-
नौकरी- व्यापार, संतान संबंधी या विवाह संबंधी परेशानियो के निवारण के लिए पीपल की वृक्ष की पूजा मे जनेऊ अर्पित करने के बाद दूसरा जनेऊ विष्णु जी के नाम से वहीं पर चढाये, फिर वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करे, प्रत्येक परिक्रमा पूरी होने पर दूध से बनी मिठाई का एक पीस अर्पित करे तथा हर परिक्रमा के साथ निम्नलिखित मंत्र का जाप करे
।। ॐनमो भगवते वासुदेवाय ।।
108 परिक्रमा पूरी होने के बाद विष्णु जी से अपने जाने-अनजाने मे किये अपराध के लिए क्षमा मांगकर अपने मनोरथ या इच्छा (नौकरी- व्यापार, संतान संबंधी या विवाह संबंधी परेशानियो को कहे),
श्रद्धापूर्वक की गयी पूजा तथा कामना अवश्य पूर्ण होगी । अधिक से अधिक पुण्य अर्जित करने का स्वर्णिम अवसर है, माघी अमावस्या ।
इस प्रयोग के उपरांत यदि विवाहित स्त्रियां 108 बार तुलसी की परिक्रमा करे तो विवाहित जीवन की परेशानियां समाप्त होकर दाम्पत्य जीवन मे मिठास आती है, सुहाग बना रहता है ।
2. आर्थिक तंगी से मुक्ति हेतु प्रयोग:-
मौनी अमावस्या की रात को करीब 10 बजे नहाकर साफ पीले रंग के कपड़े पहन लें। इसके उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऊन या कुश के आसन पर बैठ जाएं। अब अपने सामने चौकी पर एक थाली में केसर का "स्वस्तिक या ऊं" बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके सामने एक दिव्य शंख थाली में स्थापित करें।
अब थोड़े से चावल को केसर में रंगकर दिव्य शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का कमलगट्टे की माला से ग्यारह माला जाप करें-
मंत्र- सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि मुक्ति भुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
मंत्र जाप के बाद इस पूरी पूजन सामग्री को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। इस प्रयोग से आपको धन लाभ होने की संभावना बन सकती है।
3. पितृ शांति हेतु प्रयोग:-
हिंदू धर्म में अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। इसलिए इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए गाय के गोबर से बने उपले (कंडे) पर शुद्ध घी व गुड़ मिलाकर धूप (सुलगते हुए कंडे पर रखना) देनी चाहिए। यदि घी व गुड़ उपलब्ध न हो तो खीर से भी धूप दे सकते हैं।
यदि यह भी संभव न हो तो घर में जो भी ताजा भोजन बना हो, उससे भी धूप देने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं। धूप देने के बाद हथेली में पानी लें व अंगूठे के माध्यम से उसे धरती पर छोड़ दें। ऐसा करने से पितरों को तृप्ति का अनुभव होता है।
4. जीवन की रूकावटो के शमन हेतु:-
मौनी अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय "राम" नाम का उच्चारण करते रहना चाहिए । इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर यह आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।
(समाप्त)
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आगामी लेख
1. 1 फर० से "माघ मास गुप्त नवरात्रो" पर धारावाहिक लेख
2. 4 फर० से "वसन्त पंचमी" विषय पर धारावाहिक लेख
3. 6 फर० को "रथ सप्तमी" पर लेख।
4. 7 फर० को ज्योतिषीय विषय "विभिन्न 'ऋतुओ' तथा 'मासो' मे जन्म लेने का फल"पर लेख
5. 9 फर० से "जया एकादशी" विषय पर धारावाहिक लेख
6. 11 फर० को "फाल्गुन सक्रांति" पर लेख
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली
सोमवार,31.1.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर ऋतुः ।
मास- माघ मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- चतुर्दशी तिथि 2:20 pm
चंद्रराशि- चंद्र मकर राशि मे।
नक्षत्र- उ०षाढा नक्षत्र 9:58 pm तक
योग- वज्र योग 10:24 am तक (अशुभ है)
करण- शकुनि करण 2:20 pm तक
सूर्योदय 7:10 am, सूर्यास्त 5:59 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:13 pm से 12:56 pm
राहुकाल - 8:31am से 9:52 am (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- पूर्व दिशा ।
जनवरी 2022-अशुभ दिन:- 31
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
30 जन०- प्रदोष व्रत/मासिक शिवरात्रि।
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विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है
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आपका दिन मंगलमय हो .
आचार्य मोरध्वज शर्मा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश।।
9648023364
9129998000
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English Translation:-
Auspicious time of Mauni Amavasya :-
Amavasya date start:-31.01.2022,2:20 pm
Amavasya date ends-1.02.2022, up to 11:16 am
Father's work starts - 31.01.2022, after 2:20 pm
Sir Yoga- 1.02.2022, 6:41am to 11:16am
Amavasya for bath-donation and fast-1.02.2022
Excerpts from the part published in the earlier part.
Amavasya Udaya Tithi is being received on 1st February, in such a situation, Amavasya will remain till 11.16 am on 1st February, and on 1st February only Maghi Amavasya will be bathed, donated, fasted, worshiped etc., which is valid throughout the day. Sir, on this day the yoga will remain till 11:16 am. Due to falling on Tuesday, it will also be called Bhaumvati Amavasya. Therefore, worshiping Hanumanji on this Amavasya gives special blessings to Hanumanji and the planet Mars gets strengthened.
But the time for parental work of Mauni Amavasya will be valid only from the beginning of Amavasya Tithi on 31 January 2022, 2:20 pm. It is told in the scriptures that if the new moon date starts a few moments before sunset on Monday, then it is called Somvati Amavasya. In the year 2022, this date is being held at noon on January 31, due to which the work of ancestors can also be done. According to the scriptures, on the day when Amavasya Tithi is falling in the afternoon, Pitru Puja and tarpan of the names of ancestors should be done on that day.
Therefore, in the year 2022 Magha month, this unique coincidence has been made due to the occurrence of Somvati and Bhaumvati Amavasya together.
Acts of Amavasya and Non-actions
All the dates belong to the deities but Amavasya is the date of only the ancestors. Even in the scriptures it has been said that the child born (born) on the new moon is the father.
Beyond the date...............
According to Hindu religious texts, there is a special significance of bathing, charity, Shradh and fasting on Magh / Mauni Amavasya. Even in Tantra Shastra, Mauni Amavasya is considered as a special date. Being Tuesday on 1st February, the Amavasya of this Magha month also contains the qualities of Mangalvasari Amavasya, therefore, virtue can also be earned by worshiping Lord Hanuman in the following way, and it is believed that Magh / Mauni is performed on the day of Amavasya. Remedies especially give auspicious results. Therefore, devotees can achieve their desired
by taking the following measures:-
Tuesday Amavasya Shri Hanuman Puja:-
By worshiping Hanuman ji on the day of Bhaumvati Amavasya, you can please him soon. On this day, fasting and fasting should be done for Hanumanji and Mangaldev, by doing this the person gets the blessings of happiness and prosperity.
If the burden of debt has increased more, starting from this day, regularly recite the debt redemption Mangal source on your own or it can also be done by a qualified Brahmin.
If a person is suffering from any disease, then donate red cloth, jaggery, flour on this day.
Go to any Hanuman temple and recite Hanuman Chalisa in auspicious yoga named Mauni Amavasya and Sir. If possible, you can also offer Chola with jasmine oil to Hanumanji. By doing this remedy, all the wishes of the seeker can be fulfilled.
An experiment to get Hanumant's grace:-
At any time on the day of Bhaumvati Amavasya, after taking bath and meditating, sit on a red woolen seat in the temple of the house and establish Hanuman Yantra. This yantra can be exclusively of Panchadhatu or copper.
Light a lamp of ghee just in front of Hanuman Yantra and after Panchopchar worship, chant 108 rounds of the following mantra with a garland of coral.
Mantra:- Om Hanumate Rudrartakaya Hoon Fat
After chanting the above mantra, offer a sacrifice of cow's ghee in the havan kund by the tenth part of the above mantra.
After the Havan is over, place the Hanuman Yantra at the place of worship.
In this way, after this process "Hanuman Yantra" is established, due to which by the grace of Hanumanji, success is achieved in various types of work.
1. Job - Use for business, child related or marriage related obstacles:-
Job- For the prevention of business, child related or marriage related problems, after offering a Janeu in the worship of Peepal tree, offer the second Janeu in the name of Vishnu ji there, then circumambulate the tree 108 times, milk on completion of each circumambulation. Offer one piece of sweets made from it and chant the following mantra with every circumambulation
, Namo Bhagwate Vasudevaya.
After the completion of 108 circumambulation, by asking for forgiveness from Vishnu ji for his unintentional crime, tell your desire or desire (job-business, child related or marriage related problems),
Worship done with devotion and wish will surely be fulfilled. The golden occasion to earn maximum virtue is Maghi Amavasya.
After this experiment, if married women circumambulate Tulsi 108 times, then the troubles of married life end and sweetness comes in the married life, the marriage remains.
2. Use for freedom from financial crisis:-
On the night of Mauni Amavasya, take a bath at around 10 o'clock and wear clean yellow clothes. Sit on the seat of wool or kush, facing its north direction. Now make a "swastika or um" of saffron in a plate on the post in front of you and install Mahalakshmi Yantra on it. After this, place a divine conch shell in front of him on the plate.
Now dye some rice in saffron and put it in the divine conch. Lighting a lamp of ghee, chant the following mantra for eleven rounds with a lotus garland-
Mantra- Siddhi Buddhi Prade Devi Mukti Bhukti Pradayini.
Mantra put always Goddess Mahalakshmi Namostute.
After chanting the mantra, immerse this entire worship material in a river or pond. This experiment can make you likely to make money.
3. Use for Pitra Shanti:-
Amavasya is considered to be the date of ancestors in Hinduism. Therefore, to please the ancestors, on this day, pure ghee and jaggery mixed with pure ghee and jaggery should be given incense (keep it on the smoldering pan) made of cow dung. If ghee and jaggery are not available, then incense can also be given with kheer.
If this is also not possible, then the ancestors are pleased by giving incense from whatever fresh food is prepared in the house. After giving incense, take water in the palm and drop it on the earth through the thumb. By doing this, the ancestors experience satisfaction.
4. For the mitigation of life's obstacles:-
On the day of Mauni Amavasya, there is also a special significance of feeding hungry creatures. On this day, after taking bath in the morning, make balls of flour. The name "Ram" should be chanted while making the pills. After this, go to a nearby pond or river and feed these flour balls to the fish. This remedy can end many problems of life.
(End)
upcoming articles
1. Serial article on "Magh Mas Gupt Navratri" from 1st Feb.
2. Serial article on the topic "Vasant Panchami" from February 4
3. Article on "Ratha Saptami" on 6th Feb.
4. Article on the astrological topic "Fruits of being born in different 'seasons' and 'Maso' on 7th February"
5. Serial article on the topic "Jaya Ekadashi" from February 9
6. Article on "Falgun Sankranti" on February 11
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Monday,31.1.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1943
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round
Rituah - winter season.
Month - Magha month.
Paksha - Krishna Paksha.
Date - Chaturdashi date 2:20 pm
Moon sign - Moon in Capricorn.
Nakshatra - Ushadha Nakshatra till 9:58 pm
Yoga- Vajra Yoga till 10:24 am (inauspicious)
Karan - Shakuni Karan till 2:20 pm
Sunrise 7:10 am, Sunset 5:59 pm
Abhijit Nakshatra - 12:13 pm to 12:56 pm
Rahukaal - 8:31am to 9:52 am (Good work forbidden, Delhi)
Direction – East direction.
January 2022 - Unlucky day:- 31
Upcoming fasts and festivals:-
Jan 30- Pradosh fast / Monthly Shivratri.
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.
Have a good day .
Acharya Mordhwaj Sharma
Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi Uttar Pradesh.
9648023364
9129998000
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