देवताओं को नैवेद्य चढ़ाए जाने के नियम:-
सनातन संस्कृति मे देवी-देवताओं का नैवेद्य यानी देवी-देवताओं के निवेदन के लिए जिस भोज्य पदार्थ का प्रयोग किया जाता है, उसे नैवेद्य कहते है। उसे अन्य नाम जैसे भोग, प्रसाद आदि भी कहा जाता है।
1. देव-देवताओं को भोग अर्पण करते समय अत्यंत विनीत भाव तथा निश्चल मन से पूर्ण भक्ति भाव द्वारा भोग पदार्थ, अथवा भोजन या जल कुछ भी हो, को साफ कपड़े से ढककर, निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए भगवान को निम्नलिखित मंत्र द्वारा विवादित करना चाहिए।
मंत्र:-
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सुमुखो भूत्व प्रसीद परमेश्वर ॥
2. भोग को पीतल की थाली या केले के पत्ते पर रखकर निवेदित किया जाना शुभ होता है।
3. तुलसी में देव तरंगें होती है, अतः यदि भोग प्रसाद पर तुलसी का एक पत्ता रखकर भगवान को अर्पित किया जाता है, तो भगवान तुरंत ही उसके प्रति आकर्षित होकर उसे स्वीकार करते हैं।
4. शिवजी के नैवेद्य में तुलसी की जगह बेल और गणेशजी के भोग-प्रसाद में दूर्वा यानि दूब रखते हैं।
5. भोग-प्रसाद देवता के दक्षिण भाग में रखना चाहिए।
6. भोग-प्रसाद को तुरंत भगवान के आगे से हटाना नहीं चाहिए।
7. नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाना चाहिए।
8. किसी भी प्रकार के तामसिक पदार्थ जैसे लहसुन-प्याज इत्यादि तथा चटपटे और तीखे व्यंजनो का भोग देवी-देवताओं को लगाना वर्जित हैं।
9. देवताओं को नैवेद्य अर्पित करने के उपरांत अंत में देव आचमन के लिए मंत्रोच्चार से पुन: जल छिड़कें और हाथ जोड़कर नमन करना चाहिए।
(समाप्त)
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आगामी लेख:-
1. 22 जन० से "देव-पूजा में पत्र-पुष्प" विषय पर धारावाहिक लेख
2. 24 जन० से ज्योतिषीय विषय "विभिन्न संवत्सर मे जन्म लेने का फल" पर धारावाहिक लेख
3. 26 जन० से ज्योतिषीय विषय "विभिन्न युग मे जन्म लेने का फल" विषय पर धारावाहिक लेख
4. 27 जन० से "षटतिला एकादशी" पर लेख
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
शुक्रवार,21.1.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर ऋतुः ।
मास- माघ मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- तृतीया तिथि 8:54 am
चंद्रराशि- चंद्र सिंह राशि मे।
नक्षत्र- मघा नक्षत्र 9:43 am तक
योग- सौभाग्य योग 3:03 pm तक (शुभ है)
करण- विष्टि करण 8:54 am तक
सूर्योदय 7:14 am, सूर्यास्त 5:50 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:11 pm से 12:53 pm
राहुकाल - 11:12 am से 12:32 pm (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- पश्चिम दिशा ।
जनवरी 2022-शुभ दिन:- 21 (सवेरे 9 उपरांत), 22, 23, 24 (सवेरे 9 तक), 26, 29
जनवरी 2022-अशुभ दिन:- 25, 27, 28, 30, 31
गण्ड मूल आरम्भ:- अश्लेषा नक्षत्र, 19 जन० 6:42 am से 21 जन० 9:43 am तक मघा नक्षत्र तक गंडमूल रहेगें। गंडमूल नक्षत्रों मे जन्म लेने वाले बच्चो का मूलशांति पूजन आवश्यक है।
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
21 जन०-संकष्टी चतुर्थी। 28 जन०-षटतिला एकादशी। 30 जन०- प्रदोष व्रत/मासिक शिवरात्रि।
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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
आचार्य मोरध्वज शर्मा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश।।
9648023364
9129998000
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English Translation :-
Rules for offering Naivedya to the deities:-
Naivedya of gods and goddesses in Sanatan culture, that is, the food item which is used for the request of gods and goddesses, is called Naivedya. It is also called by other names like Bhoga, Prasad etc.
1. While offering bhog to the gods and goddesses, with a very humble attitude and with full devotion with a calm mind, covering the material of enjoyment, or food or water, whatever it may be, with a clean cloth, while chanting the following mantra, the Lord should be disputed by the following mantra .
mantra:-
Twadiyam object Govind Tubhayamev Samarpaye.
Grihana Sumuko Bhutva Prasid Parmeshwar
2. Offering the Bhog on a brass plate or a banana leaf is considered auspicious.
3. Tulsi has god waves, so if a Tulsi leaf is offered to God by placing a Tulsi leaf on Bhog Prasad, then the Lord immediately gets attracted towards it and accepts it.
4. In Shiva's naivedya, instead of Tulsi, they keep bell and durva in Ganeshji's offerings.
5. Bhog-prasad should be kept in the south part of the deity.
6. Bhog-Prasad should not be immediately removed from the front of God.
7. Salt, chilli and oil should not be used in Naivedya.
8. Offering any kind of vengeful substances like garlic-onion etc. and spicy and spicy dishes to the deities is prohibited.
9. After offering Naivedya to the deities, in the end, sprinkle water again with the chanting of mantras for the god Aachman and bow with folded hands.
(End)
Next article:-
1. Serial article on the topic "Patra-Pushpa in Dev-worship" from Jan 22
2. Serial article on the astrological topic "Fruits of taking birth in different Samvatsar" from Jan 24
3. Serial article on the topic of astrological topic "Fruits of taking birth in different eras" from 26th Jan.
4. Article on "Shatila Ekadashi" from Jan 27
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Friday,21.1.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1943
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round
Rituah - winter season.
Month - Magha month.
Paksha - Krishna Paksha.
Date- Tritiya date 8:54 am
Moon sign - Moon in Leo.
Nakshatra- Magha Nakshatra till 9:43 am
Yoga - Saubhagya Yoga till 3:03 pm (Good luck)
Karan- Vishti Karan till 8:54 am
Sunrise 7:14 am, Sunset 5:50 pm
Abhijit Nakshatra - 12:11 pm to 12:53 pm
Rahukaal - 11:12 am to 12:32 pm (Good work prohibited, Delhi)
Dishashul – West direction.
Jan 2022 - Auspicious days:- 21 (after 9 in the morning), 22, 23, 24 (by 9 in the morning), 26, 29
January 2022 - Inauspicious days:- 25, 27, 28, 30, 31
Gand Mool Aarambh:- Ashlesha Nakshatra, from 19 Jan 6:42 am to 21 Jan 9:43 am Gandmool will remain till Magha Nakshatra. Children born in Gandmool constellations need to worship Moolshanti.
Upcoming fasts and festivals:-
21 Jan - Sankashti Chaturthi. Jan 28 - Shatila Ekadashi. Jan 30- Pradosh fast / Monthly Shivratri.
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone for astrological consultation by paying the consultation fee through paytm or bank transfer.
Have a good day .
Acharya Mordhwaj Sharma Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi Uttar Pradesh.
9648023364
9129998000
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