16 जनवरी 2022

पौष पूर्णिमा 17.01.2022 Paush Purnima 17.01.2022

                                                                             


लेख :- पौष पूर्णिमा 17.01.2022


पूर्णिमा आरम्भ- 17 जनवरी-3:19 am

पूर्णिमा समाप्त- 18 जनवरी- 5:18 am


पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं, वर्ष  2022 में पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को मनाई जाएगी। पौष पूर्णिमा के बाद अगले दिन ही माघ महीने की शुरुआत होती है।


शास्त्रो के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, जो व्यक्ति पौष पूर्णिमा के दिन विधिपूर्ण तरीके से सुबह पवित्र  स्नान करता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन से ही माघ मास के सभी शुभ कार्यों की शुरुआत कर दी जाती है। इस दिन संगम पर सुबह स्नान के बाद कुंभ की अनौपचारिक शुरुआत हो जाती है, इसी दिन से कल्पवास भी आरंभ हो जाता है ।


पौष की पूर्णिमा के दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। जैन धर्म के मानने वाले पुष्यभिषेक यात्रा प्रारंभ करते हैं। 


धर्मशास्त्रों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बतलाया गया है। माना जाता है कि पौष मास के समय में किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की पूर्णता पूर्णिमा पर स्नान करने से सार्थक होती है। 


पौष पूर्णिमा के दिन बनारस में दशाश्वमेध तथा प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर तथा हरिद्वार मे गंगा स्नान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पौष पूर्णिमा से गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर कल्पवास शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तीर्थराज प्रयाग के संगम तट पर माघ महीने में एक माह तक कल्पवास करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार प्रयाग में कल्पवास करने वाले के लिए स्वर्ग का द्वार खुल जाता है। मनुष्य जीवन मरण के इस चक्र से मुक्ति पा जाता है।


भारतीय ज्योतिष के अनुसार पौष मास "सूर्य" का माह कहलाता है। इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। चूंकि पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है, इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। अतः पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को होता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है।



पौष पूर्णिमा व्रत तथा पूजा विधि:-

पौष पूर्णिमा पर स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है। इस दिन सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व है। पौष पूर्णिमा की व्रत और पूजा विधि इस प्रकार है:-



1.  पवित्र नदी, सरोवर अथवा कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। यदि किसी तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान न कर सके तो घर मे ही पानी में गंगाजल मिलाकर कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए।


3.  स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।


4. तत्पश्चात व्रत का संकल्प लेना चाहिये, यदि व्रत न रख पा रहे हो तो भी पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए। 


5. भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए।  


6. इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।


7. पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। 


8.  किसी जरुरतमंद व्यक्ति, गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए। दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से देने चाहिए।


(समाप्त)

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आगामी लेख:-

1. 16 जन० को "पौष पूर्णिमा" पर लेख।

1. 17 जन० को "शाकुंभरी जयंती" पर लेख।

2. 18 जन० को "माघमास" पर लेख।

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जय श्री राम

आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹

रविवार,16.1.2022

श्री संवत 2078

शक संवत् 1943

सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल

ऋतुः- शिशिर ऋतुः ।

मास- पौष मास।

पक्ष- शुक्ल पक्ष ।

तिथि- चतुर्दशी तिथि अगले दिन 3:20 am

चंद्रराशि- चंद्र मिथुन राशि मे।

नक्षत्र- आर्द्रा नक्षत्र अगले दिन 2:09 am तक

योग- ऐन्द्रे योग 3:18 pm तक (शुभ है)

करण- गर करण 2:12 pm तक

सूर्योदय 7:15 am, सूर्यास्त 5:46 pm

अभिजित् नक्षत्र- 12:09 pm से 12:51pm

राहुकाल - 4:27 pm से 5:46 pm (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )

दिशाशूल- पश्चिम दिशा ।


जनवरी 2022-शुभ दिन:- 16 (दोपहर 3 तक), 17 (दोपहर 4 उपरांत), 19, 20, 21 (सवेरे 9 उपरांत), 22, 23, 24 (सवेरे 9 तक), 26, 29


जनवरी 2022-अशुभ दिन:- 18, 25, 27, 28, 30, 31


भद्रा:- 16/17 जनमध्यरात्रि 3:19 am to 17 जन 4:21 pm तक ( भद्रा मे मुण्डन, गृहारंभ, गृहप्रवेश, विवाह, रक्षाबंधन आदि शुभ काम नही करने चाहिये , लेकिन भद्रा मे स्त्री प्रसंग, यज्ञ, तीर्थस्नान, आपरेशन, मुकद्दमा, आग लगाना, काटना, जानवर संबंधी काम किए जा सकतें है।


रवि योग :- 15 जन० 11:21 pm से 17 जन० 2:09 am तक  यह एक शुभ योग है, इसमे किए गये दान-पुण्य, नौकरी  या सरकारी नौकरी को join करने जैसे कायों मे शुभ परिणाम मिलते है । यह योग, इस समय चल रहे, अन्य बुरे योगो को भी प्रभावहीन करता है।

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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-

 17 जन०-पौष पूर्णिमा व्रत/ सत्यनारायण व्रत/माघ स्नान प्रारम्भ। 21 जन०-संकष्टी चतुर्थी। 28 जन०-षटतिला एकादशी। 30 जन०- प्रदोष व्रत/मासिक शिवरात्रि।

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विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है

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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐

आचार्य मोरध्वज शर्मा 

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर 

वाराणसी उत्तर प्रदेश

9648023364

9129998000

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English Translate :-

Article :- Paush Purnima 17.01.2022

Purnima Begins - January 17th -3:19 am

Purnima ends - January 18 - 5:18 am

Paush Purnima is on the 15th day of Paush month, in the year 2022, Paush Purnima will be celebrated on 17th January. The next day after Paush Purnima marks the beginning of the month of Magha.

According to the scriptures, it is believed that a person who takes a holy bath in the morning on the day of Paush Purnima, gets salvation. From this day all the auspicious works of Magh month are started. On this day, after the morning bath at the Sangam, the informal beginning of the Kumbh begins, from this day the Kalpavas also begin.

Shakambhari Jayanti is celebrated on the full moon day of Paush. The followers of Jainism start the Pushyabhishek Yatra.

In the scriptures, on the day of Paush Purnima, the special importance of donating, bathing and offering Arghya to the Sun God has been told. It is believed that the fulfillment of religious rituals performed during the month of Paush is meaningful by taking a bath on the full moon.

On the day of Paush Purnima, bathing in the Ganges at Dashashwamedh in Banaras and at Triveni Sangam in Prayag and in Haridwar is considered very important. From Paush Purnima, the Kalpavas will begin at the confluence of Ganga, Yamuna and the invisible Saraswati. According to religious beliefs, performing Kalpavas for a month in the month of Magha on the confluence bank of the pilgrimage Prayag gives virtuous results. According to the beliefs, the door of heaven opens for the person who performs Kalpavas in Prayag. Man gets freedom from this cycle of life and death.

According to Indian astrology, Paush month is called the month of "Sun". Worshiping the Sun God in this month leads to salvation. Therefore, on the day of Paush Purnima, there is a tradition of bathing in holy rivers and offering Arghya to the Sun God. Since the month of Paush is the month of Sun God and the date of full moon is dear to the moon, on this day the moon is in its full size. Hence, the full moon is the date of the moon. This wonderful confluence of Sun and Moon takes place on the date of Paush Purnima. Worshiping both the Sun and the Moon on this day fulfills wishes and removes obstacles in life.

Paush Purnima Vrat and Worship Method:-

By bathing, donating, chanting and fasting on Paush Purnima, virtue is attained and salvation is attained. Worship of Sun God has special significance on this day. The fasting and worship method of Paush Purnima is as follows:-

1. Take a bath in the holy river, lake or pool and before bathing, bow down to Varun Dev. If you are unable to take a bath by visiting a pilgrimage place, then mixing Gangajal in water at home should be done with Kush in hand.

3. After the bath, while chanting the Surya Mantra, the Sun God should be offered Arghya.

4. After that the resolution of fast should be taken, even if you are not able to keep the fast, then on the full moon day, the story of Satyanarayan should be heard.

5. Lord Madhusudan should be worshipped and naivedya should be offered to him.

6. Along with this, worshiping Lord Shiva on the full moon day gives auspicious results.

7. Peepal tree should be worshipped.

8. Donating food to a needy person, poor or Brahmin should be done. Sesame seeds, jaggery, blankets and woolen clothes should be specially given in charity.

(End)

Next article:-

1. Article on "Paush Purnima" on 16 Jan.

1. Article on "Shakumbhari Jayanti" on 17th Jan.

2. Article on "Maghmas" on 18 Jan.

Long live Rama

Today's Panchang, Delhi

Sunday, 16.1.2022

Shree Samvat 2078

Shaka Samvat 1943

Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round

Rituah - winter season.

Month- Paush month.

Paksha - Shukla Paksha.

Tithi- Chaturdashi Tithi the next day at 3:20 am

Moon Sign - Moon in Gemini.

Nakshatra- Ardra Nakshatra till 2:09 am the next day

Yoga - Andre Yoga till 3:18 pm (good luck)

Karan- Gar Karan till 2:12 pm

Sunrise 7:15 am, Sunset 5:46 pm

Abhijit Nakshatra - 12:09 pm to 12:51 pm

Rahukaal - 4:27 pm to 5:46 pm (Good work prohibited, Delhi)

Dishashul – West direction.

Jan 2022 - Auspicious days:- 16 (till 3 pm), 17 (after 4 pm), 19, 20, 21 (after 9 am), 22, 23, 24 (till 9 am), 26, 29

January 2022 - Inauspicious days:- 18, 25, 27, 28, 30, 31

Bhadra:- 16/17 midnight till 3:19 am to 17 January 4:21 pm (Shunning, housewarming, home entry, marriage, Rakshabandhan etc. should not be done in Bhadra, but in Bhadra, women affairs, yagya, pilgrimage, operation, Suicide, setting fire, cutting, animal related works can be done.

Ravi Yoga: - From 15 Jan 11:21 PM to 17 Jan 2:09 AM, this is an auspicious yoga, good results are found in the works like charity, job or joining a government job. This yoga also neutralizes the other bad yogas that are going on at this time.

Upcoming fasts and festivals:-

 Jan 17 - Paush Purnima Vrat / Satyanarayan Vrat / Magh Snan begins. 21 Jan - Sankashti Chaturthi. Jan 28 - Shatila Ekadashi. Jan 30- Pradosh fast / Monthly Shivratri.

Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone for astrological consultation by paying the consultation fee through paytm or bank transfer.

Have a good day .

Acharya Mordhwaj Sharma

Shri Kashi Vishwanath Temple

Varanasi Uttar Pradesh

9648023364

9129998000

                                                                 


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