Jai Shri Kashi Vishwanath Har Har Mahadev I am Priest in Shri Kashi Vishwanath Jyotirling Temple Varanasi from 2008 I Have Good Knowledge of Indian Astrology Field. You Can Daily See My Bloges About Our Indian Culture And you can get Good Knowledge of our Indian Traditional Festival And also Indian Astrology. Can also give auspicious time for the coming festival in India everyday Stay In Touch Thank You Har Har Mahadev
31 जनवरी 2022
Serial Article:- Magh/Mauni Amavasya, Part-3 Final धारावाहिक लेख:- माघ/मौनी अमावस्या, 31.01.2022 से 1.02 2022, भाग-3 अंतिम
30 जनवरी 2022
Serial Article:- Magh/Mauni Amavasya Part-2 धारावाहिक लेख:- माघ/मौनी अमावस्या भाग-2, 31.01.2022 से 1.02 2022
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त:-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ:-31.01.2022,2:20 pm
अमावस्या तिथि समाप्त-1.02.2022, प्रातः 11:16 am तक
पितृकार्य प्रारंभ- 31.01.2022, 2:20 pm के उपरांत
महोदय योग- 1.02.2022, 6:41am से 11:16 am तक
स्नान-दान तथा व्रत हेतु अमावस्या-1.02.2022
पूर्व भाग में प्रकाशित भाग के अंश.........
अमावस्या उदया तिथि 1 फरवरी को प्राप्त हो रही है, ऐसे में अमावस्या 1 फरवरी को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, तथा 1 फरवरी को ही माघी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा, जोकि सारा दिन मान्य रहेगा, इस दिन महोदय योग 11:16 am तक रहेगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। अतः इस अमावस्या को हनुमानजी की पूजा करने से हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा मंगल ग्रह मजबूत होता है।
परन्तु मौनी अमावस्या का पितृ कार्य हेतु समय 31 जनवरी 2022, 2:20 pm को अमावस्या तिथि के प्रारंभ होने से ही मान्य रहेगा। धर्मशास्त्रों में बताया गया की अमावस्या तिथि यदि सोमवार को सूर्यास्त से कुछ क्षण पहले ही शुरू हो जाये तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। वर्ष 2022 मे यह तिथि 31 जनवरी दोपहर के समय लग रही है, जिससे पितरों के कार्य भी किए जा सकते हैं। शास्त्रानुसार जिस दिन दोपहर के समय अमावस्या तिथि लग रही हो, उस दिन पितृ पूजन और पितरों के नाम का तर्पण किया जाना चाहिए।
अतः वर्ष 2022 माघ मास में सोमवती और भौमवती अमावस्या का एक साथ होने से यह अनोखा संयोग बना है।
अमावस्या के कृत्य तथा अकृत्य कर्म
सभी तिथियाँ देवताओं की है परन्तु अमावस्या केवल पितृरो की ही तिथि होती है। शास्त्रो मे यहाँ तक कहा गया है, कि अमावस्या को उत्पन्न (जन्म लिया) बालक पितृ होता है।
गतांक से आगे ...............
अमावस्या को करनें योग्य पुण्यदायी कर्म:-
1. अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है। पापों का नाश होने से मनुष्य निरोगी तथा सुखी होता है, तथा जीवन-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है ।
2. अमावस्या के दिन नियमित रूप से हवन करना तथा आरती करने के उपरांत पूजा तथा हवन का जल घर में छिड़कने व प्रसाद घर-परिवार के सदस्यों को खिलाना चाहिए । ऐसा करने से घर मे दरिद्रता तथा नकारात्मकता का नाश हो जाता है, तथा घर वृद्धि तथा समृद्धि को प्राप्त करता है ।
3. घर में अमावस्या के दिन गीता का नियमित रूप से पाठ करने से घर मे सब सुरक्षित रहते है, अर्थात अकाल मृत्यु नही होती, गंभीर रोगों से घर बचा रहता है । इसके अतिरिक्त पितृ भी सद्गति को प्राप्त करते है, अर्थात मोक्ष की बढते है । अतः इस दिन गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए ।
4. अमावस्या के दिन प्रातः तथा सायं काल को घर के मंदिर, तुलसी के साथ-साथ बाहर के मंदिर, पीपल के वृक्ष तथा चौराहे पर दिया अवश्य जलाना चाहिए । इससे जीवन मे आने वाली कठिनाइयों का अंत होता है, भगवान के साथ-२ पितर तथा अन्य शक्तियां भी प्रसन्न होती है । घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है । (इस दिन मंदिर तथा चौराहे पर चौमुखा दीपक जलाने से भाग्य में वृद्धि होती है, तथा जीवन मे आने वाली सभी रूकावटे दूर होती हैं)
5. पितृरो की प्रसन्नता प्राप्ति के लिए, अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, गंगाजल, काले तिल, शक्कर, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करके तिल के तेल की ज्योत जलाएं तथा
“ ॐ पितृभ्य: नम: ” मंत्र का कम से कम एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
6. अमावस्या को पिण्ड दान और तर्पण करने से पितरो की तृप्ति होती है, इनको गति प्राप्त होती है, जिसके फलस्वरूप वंशवृद्धि यानि पुत्र-पौत्र की प्राप्ति होती हैं ।
7. अमावस के दिन ब्राह्मण को भोजन अवश्य ही करवाना चाहिए । इससे पितरो को शांति मिलती हैं, वह अपनी यात्रा पर आगे बढते हैं, जिससे वह प्रसन्न होकर अपने वंशजो को आर्शीवाद देते हैं । जिससे कार्यों में अड़चने नही आती है, घर में धन की कभी कमी नहीं होती समृद्धि बनी रहती है, तथा वंश वृद्धि होती रहती है ।
8. अमावस्या को दान देने से पितृ प्रसन्न होते है, और पितरो के प्रसन्न होने से पुत्र प्राप्ति, संतान सुख तथा आजीविका प्राप्त होती है ।
9. अमावस्या को खीर पूडी दान देने से लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है, तथा धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं
10. अमावस्या के दिन जो मनुष्य अथवा बच्चे भोजन के लिए मोहताज हो, उन्हें अवश्य ही पका हुआ भोजन तथा शीतल जल देकर तृप्त करना अत्यंत पुण्यदायी होता है ।
11. अमावस्या के दिन ब्राह्मण तथा जरूरत मंद गरीबों को वस्त्र कपड़े दान करने से सुख तथा शान्ति प्राप्त होती है।
12. अमावस्या को गाय को गुड तथा ज्वार खिलाना चाहिए, इससे भी घर में शुभता तथा समृद्धि बनी रहती है । गौ ग्रास के उपरांत कौवे, काले चीटों और कुत्ते को भोजन देना बहुत शुभ रहता है ।
13. घर मे दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने दिवंगत पूर्वजों का फोटो लगाकर हर अमावस्या पर नया हार चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहिए ।
14. अमावस्या के दिन सम्पूर्ण घर को अच्छे से साफ-सफाई करके अनावश्यक समान को घर से हटा देना चाहिए । सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें।
अमावस्या को निषेध कार्य:-
1.अमावस्या को कोई भी शुभ मागंलिक कार्य नहीं करना चाहिए ।
2. अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए, अमावस्या को सहवास करने से धन की देवी कुपित होती है, जिससे मनुष्य ऋणी होते है। गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है ।
3. अमावस्या के दिन किसी दूसरे का अन्न खाने से एक महीने के साधन-भजन का पुण्य खिलाने वाले व्यक्ति को मिल जाता है l अतः अमावस्या के दिन अपने घर के सिवाय किसी का भी अन्न ग्रहण नही करना चाहिए ।
4. अमावस्या के दिन बाल कटवाना, क्षौर कर्म इत्यादि वर्जित हैं ।
5. अमावस्या पर घर में पितरों की कृपा पाने के लिए घर में कलह-क्लेश बिल्कुल नहीं होना चाहिए । लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए । इस दिन अपशब्द, अनर्गल प्रलाप तथा कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए ।
(क्रमशः)
लेख के तीसरे तथा अंतिम भाग मे कल मंगलवारीय अमावस्या की पूजा तथा अन्य उपाय
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आगामी लेख
1. 1 फर० से "माघ मास गुप्त नवरात्रो" पर धारावाहिक लेख
2. 4 फर० से "वसन्त पंचमी" विषय पर धारावाहिक लेख
3. 6 फर० को "रथ सप्तमी" पर लेख।
4. 7 फर० को ज्योतिषीय विषय "विभिन्न 'ऋतुओ' तथा 'मासो' मे जन्म लेने का फल"पर लेख
5. 9 फर० से "जया एकादशी" विषय पर धारावाहिक लेख
6. 11 फर० को "फाल्गुन सक्रांति" पर लेख
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
रविवार,30.1.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर ऋतुः ।
मास- माघ मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- त्रयोदशी तिथि 5:31 pm
चंद्रराशि- चंद्र धनु राशि मे अगले दिन 5:46 am तक तदोपरान्त मकर राशि।
नक्षत्र- पू०षाढा नक्षत्र अगले दिन 00:23 am तक
योग- हर्ष योग 2:14 pm तक (शुभ है)
करण- वणिज करण 5:31 pm तक
सूर्योदय 7:10 am, सूर्यास्त 5:58 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:12 pm से 12:56 pm
राहुकाल - 4:37 pm से 5:58 pm (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- पश्चिम दिशा ।
जनवरी 2022-शुभ दिन:-
जनवरी 2022-अशुभ दिन:- 30, 31
भद्रा:- 30 जन० 5:28 pm to 30/31 जन० मध्यरात्रि 3:53 am तक ( भद्रा मे मुण्डन, गृहारंभ, गृहप्रवेश, विवाह, रक्षाबंधन आदि शुभ काम नही करने चाहिये , लेकिन भद्रा मे स्त्री प्रसंग, यज्ञ, तीर्थस्नान, आपरेशन, मुकद्दमा, आग लगाना, काटना, जानवर संबंधी काम किए जा सकतें है।
गण्ड मूल आरम्भ:- ज्येष्ठा नक्षत्र, 28 जन० 7:10 am से 30 जन० 2:49 am तक मूल नक्षत्र तक गंडमूल रहेगें। गंडमूल नक्षत्रों मे जन्म लेने वाले बच्चो का मूलशांति पूजन आवश्यक है।
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
30 जन०- प्रदोष व्रत/मासिक शिवरात्रि।1 फर०-माघ अमावस्या। 2 फर०- गुप्त नवरात्रे। 4 फर०- गणेश चतुर्थी। 5 फर०-बसंत पंचमी/सरस्वती पूजा। 7 फर०- रथ आरोग्य सप्तमी। 10 फर०- गुप्त नवरात्रे समाप्त। 12 फर०-जया एकादशी/ फाल्गुन सक्रांति अर्धरात्रि 3:26 am, (पुण्य काल अगले दिन 9:50 तक)। 14 फर०-प्रदोष व्रत (शुक्ल)/कुम्भ संक्रांति। 16 फर०-माघ पूर्णिमा व्रत। 20 फर०-संकष्टी चतुर्थी। 27 फर०-विजया एकादशी। 28 फर०-प्रदोष व्रत (कृष्ण)।
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विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है
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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
आचार्य मोरध्वज शर्मा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश
9648023364
9129998000
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English Translation :-
Auspicious time of Mauni Amavasya :-
Amavasya date start:-31.01.2022,2:20 pm
Amavasya date ends-1.02.2022, up to 11:16 am
Parental work starts - 31.01.2022, after 2:20 pm
Sir Yoga- 1.02.2022, 6:41am to 11:16am
Amavasya for bath-donation and fast-1.02.2022
Excerpts from the part published in the earlier part.
Amavasya Udaya Tithi is being received on 1st February, in such a situation, Amavasya will remain till 11.16 am on 1st February, and on 1st February only Maghi Amavasya will be bathed, donated, fasted, worshiped etc., which is valid throughout the day. Sir, on this day the yoga will remain till 11:16 am. Due to falling on Tuesday, it will also be called Bhaumvati Amavasya. Therefore, worshiping Hanumanji on this Amavasya gives special blessings to Hanumanji and the planet Mars gets strengthened.
But the time for parental work of Mauni Amavasya will be valid only from the beginning of Amavasya Tithi on 31 January 2022, 2:20 pm. It is told in the scriptures that if the new moon date starts a few moments before sunset on Monday, then it is called Somvati Amavasya. In the year 2022, this date is being held at noon on January 31, due to which the work of ancestors can also be done. According to the scriptures, on the day when Amavasya Tithi is falling in the afternoon, Pitru Puja and tarpan of the names of ancestors should be done on that day.
Therefore, in the year 2022 Magha month, this unique coincidence has been made due to the simultaneous occurrence of Somvati and Bhaumvati Amavasya.
Acts of Amavasya and Non-actions
All the dates belong to the deities but Amavasya is the date of only the ancestors. Even in the scriptures it has been said that the child born (born) on the new moon is the father.
Beyond the date...............
Virtuous deeds to be done on Amavasya:-
1. Taking a bath in the holy river on the new moon day destroys the sins. With the destruction of sins, a person becomes healthy and happy, and being freed from the cycle of life and death, attains salvation.
2. On the day of Amavasya, after performing Havan and performing Aarti, the water of Puja and Havan should be sprinkled in the house and Prasad should be fed to the family members. By doing this, the poverty and negativity in the house gets destroyed, and the house attains growth and prosperity.
3. By reciting Gita regularly on the new moon day in the house, everyone remains safe in the house, that is, there is no premature death, the house is saved from serious diseases. Apart from this, the father also attains salvation, that is, the increase of salvation. Therefore, one must recite the Gita on this day.
4. In the morning and evening on the new moon day, a lamp must be lit at the temple of the house, Tulsi as well as outside the temple, Peepal tree and at the crossroads. This ends the difficulties in life, along with God, two ancestors and other powers are also pleased. Discord and poverty remain away from home. (On this day, by lighting a four-faced lamp at the temple and the crossroads, luck increases, and all the obstacles coming in life are removed)
5. To get the happiness of ancestors, on the day of Amavasya, while meditating on your ancestors, light a flame of sesame oil by offering raw lassi, Gangajal, black sesame, sugar, rice, water and flowers on the Peepal tree and
At least one rosary of the mantra “Om Pitrubhya: Namah” must be chanted.
6. By offering Pind Daan and tarpan on Amavasya, the ancestors are satisfied, they get speed, as a result of which the growth of the family means the attainment of sons and grandsons.
7. On the new moon day, the Brahmin must be given food. This gives peace to the ancestors, they proceed on their journey, due to which they are pleased and bless their descendants. Due to which there are no obstacles in the work, there is never any shortage of money in the house, prosperity remains, and the family continues to grow.
8. By giving donations on Amavasya, fathers are pleased, and if fathers are pleased, one gets sons, children's happiness and livelihood.
9. Donating Kheer Pudi on Amavasya gives Lakshmi grace, and money related problems are removed.
10. On the day of Amavasya, people or children who are infatuated for food, must be satisfied by giving them cooked food and cold water, it is very virtuous.
11. Donating clothes and clothes to Brahmins and needy poor on the new moon day brings happiness and peace.
12. The cow should be fed jaggery and jowar on Amavasya, this also keeps auspiciousness and prosperity in the house. It is very auspicious to give food to crows, black ants and dogs after the cow grass.
13. By placing a photo of your departed ancestors on the south wall of the house, on every new moon, you should pay tribute to them by offering a new necklace.
14. On the new moon day, after cleaning the entire house thoroughly, unnecessary items should be removed from the house. Remove all kinds of junk and sell it.
Prohibition work on Amavasya:-
1. No auspicious work should be done on Amavasya.
2. One should exercise restraint on Amavasya, cohabiting on Amavasya enraged the goddess of wealth, due to which human beings are indebted. According to Garuna Purana, the child born by having sex on Amavasya does not get happiness for life.
3. By eating someone else's food on the new moon day, the person who feeds the merit of one month's means and hymns gets it. Therefore, on the day of Amavasya one should not take food from anyone except one's own home.
4. Hair cut, Kshaur Karma etc. are prohibited on the new moon day.
5. To get the blessings of ancestors in the house on Amavasya, there should be no discord in the house. Fights and arguments should be avoided. On this day abusive words, unrestrained delirium and bitter words should not be spoken at all.
(respectively)
Tomorrow's Tuesday Amavasya worship and other measures in the third and last part of the article
upcoming articles
1. Serial article on "Magh Mas Gupt Navratri" from 1st Feb.
2. Serial article on the topic "Vasant Panchami" from February 4
3. Article on "Ratha Saptami" on 6th Feb.
4. Article on the astrological topic "Fruits of being born in different 'seasons' and 'Maso' on 7th February"
5. Serial article on the topic "Jaya Ekadashi" from February 9
6. Article on "Falgun Sankranti" on February 11
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Sunday,30.1.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1943
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round
Rituah - winter season.
Month - Magha month.
Paksha - Krishna Paksha.
Date - Trayodashi Tithi 5:31 pm
Moon sign- Moon in Sagittarius sign till 5:46 am the next day and then Capricorn.
Nakshatra - Pooshadha Nakshatra till 00:23 am the next day
Yoga- Harsh Yoga till 2:14 pm (good luck)
Karan- Vanij Karan till 5:31 pm
Sunrise 7:10 am, Sunset 5:58 pm
Abhijit Nakshatra - 12:12 pm to 12:56 pm
Rahukaal - 4:37 pm to 5:58 pm (Good work prohibited, Delhi)
Dishashul – West direction.
January 2022 - Auspicious day:-
January 2022 - Inauspicious days:- 30, 31
Bhadra:- 30 Jan. 5:28 PM to 30/31 Jan. midnight till 3:53 AM (Shunning, Griharambha, Griha Pravesh, Marriage, Rakshabandhan etc. should not be done in Bhadra, but in Bhadra there should be female affair, Yagya, pilgrimage, operation , litigation, setting fire, cutting, animal related works can be done.
Gand Mool Aarambh:- Jyestha Nakshatra, from 28 Jan 7:10 am to 30 Jan 2:49 am Gandmool will remain till Mool Nakshatra. Children born in Gandmool constellations need to worship Moolshanti.
Upcoming fasts and festivals:-
Jan 30- Pradosh fast / Monthly Shivratri. 1 Feb- Magha Amavasya. 2nd Feb- Gupt Navratri. 4th Feb- Ganesh Chaturthi. 5th February - Basant Panchami / Saraswati Puja. 7th Feb- Rath Arogya Saptami. 10th Feb- Gupt Navratri ends. 12 Feb - Jaya Ekadashi / Falgun Sakranti midnight 3:26 am, (Punya Kaal till 9:50 the next day). 14 February - Pradosh fast (Shukla) / Kumbh Sankranti. 16 February - Magha Purnima fasting. 20 February - Sankashti Chaturthi. 27 February - Vijaya Ekadashi. 28 February - Pradosh fast (Krishna).
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.
Have a good day .
Acharya Mordhwaj Sharma
Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi Uttar Pradesh
9648023364
9129998000
29 जनवरी 2022
Serial Article:- Magh/Mauni Amavasya Part-1 धारावाहिक लेख:- माघ/मौनी अमावस्या भाग-1, (31.01.2022 तथा 1.02 2022)
कामदा एकादशी व्रत 19-04-2024
☀️ *लेख:- कामदा एकादशी, भाग-1 (19.04.2024)* *एकादशी तिथि आरंभ:- 18 अप्रैल 5:31 pm* *एकादशी तिथि समाप्त:- 19 अप्रैल 8:04 pm* *काम...
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धारावाहिक लेख:- मकरसक्रांन्ति, 15.01. 2024, भाग-1 मकरसक्रांन्ति, 15.01.2024 सूर्य का मकर राशि प्रवेश-14/15 जन० मध्यरात्रि 2:43 a...
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शुक्र प्रदोष व्रत परिचय एवं प्रदोष व्रत विस्तृत विधि 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ प्रत्येक चन्द्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन प...
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संघर्ष जीवन है,जो जीवन को जीवंत बने रहने में सहायक होता है। जीवन एक संघर्ष हैं, संघर...