लेख:-विजया एकादशी (26 तथा 27.02.2022)
वर्ष 2022 के फरवरी माह मे एकादशी तिथि दो दिन होने की वजह से असमंजस की स्थिति हैं कि विजया एकादशी का व्रत कब रखा जायेगा, तथा व्रत का पारण किस दिन किया होगा।
दरअसल विजया एकादशी दो दिन यानी 26 और 27 फरवरी को रहेगी।
एकादशी तिथि प्रारंभ- 26 फरवरी सुबह 10:39 मिनट से होगा
एकादशी तिथि समाप्त- 27 फरवरी सुबह 08:12 मिनट पर
अतः इस वर्ष विजया एकादशी को अपनी-२ मान्यता के अनुसार भक्त 26 तथा 27 फरवरी को माना रहे हैं
स्मार्त अनुयायी 26 फरवरी को तथा वैष्णव पंथ के अनुयायी 27 फरवरी को व्रत रखेंगे।
26 फरवरी को व्रत रखने वाले भक्तों के लिए पूजा और व्रत के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है:- 26 फरवरी को 12:11 pm से 12:57 pm तक
पारण का समय- 26 फरवरी को व्रत रखने वाले भक्तों के लिए एकादशी व्रत का पारण:-
27 फरवरी को 1:43 pm से 4:01 pm तक।
27 फरवरी को व्रत रखने वाले भक्त 27 फरवरी को प्रातः 8 am से पहले पूजा करके व्रत का संकल्प ग्रहण करेंगे, इन भक्तों के लिए व्रत का पारण मुहूर्त समय:- 28 फरवरी को 6:48 am से 9:06 am तक रहेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को "विजया एकादशी" का व्रत किया जाता है। वर्ष 2022 मे 26 तथा 27 फरवरी को विजया एकादशी है।
विजया एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है। शत्रुओं पर जीत हासिल होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पावन तिथि को जो कोई भक्त पूर्ण विधि विधान के साथ व्रत का पालन करता है तो उस भक्त को प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
विजया एकादशी व्रत पूजा विधि:-
1. विजया एकादशी के उपवास की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। व्रती को दशमी तिथि अर्थात व्रत धारण करने की पूर्व रात्रि से ही तामसिक भोजन का त्याग कर नमक रहित सादा भोजन ग्रहण करना चाहिये । व्रती को जौं, गेहूं और मूंग की दाल से बना भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
उसी दिन से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है, संभव हो तो जमीन पर ही सोएं।
2. एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर नित्यकर्म से निर्वत होकर स्नानादि के पश्चात व्रत का संकल्प लें।
विजया एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी तथा माता लक्ष्मी जी की पूजा-आराधना की जाती है।
3. लकडी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की मूर्ति अथवा सुन्दर चित्र स्थापित करे । उसी वेदी पर नारियल सहित कुंभ स्थापना की जायेंगी। एकादशी व्रत का संकल्प लें। यदि किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए व्रत कर रहे हैं तो संकल्प के दौरान वह कामना भी बोलें।
4. तत्पश्चात भगवान जी की मूर्ति/चित्र आदि को स्नानादि करवाकर पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से पंचोपचार अथवा अपनी सामर्थ्यनुसार षोडशोपचार पूजन करे।
5. भगवान को भोग लगाकर विजया एकादशी की कथा का पठन अथवा श्रवण करना अत्यंत आवश्यक है ।
6. पूजा के उपरांत भावपूर्वक भगवान जी की आरती उतारें।
7. विजया एकादशी का पूजन भक्त अथवा व्रती स्वंय भी कर सकते हैं, तथा किसी विद्वान ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं।
8. पूजा तथा व्रत धारण करने के उपरांत सूर्य देव को जल अर्पित करे, पीपल के वृक्ष की पूजा भी इस दिन अवश्य करनी चाहिये।
9.मंदिर में जाकर दीपदान अवश्य करना चाहिए।इस दिन पवित्र नदियों में दीपदान का भी महत्व है।
9. तत्पश्चात अपनी सामर्थ्यनुसार दान कर्म करना भी बहुत कल्याणकारी रहता है।
10. सायंकाल में एक बार फिर भगवान नारायण की पूजा करें।
11. दिन भर निराहार रहते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करते रहें। यदि करना चाहे तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।
12. व्रती को एकादशी की रात्रि में भगवान विष्णु जी (नारायण) का ध्यान करते हुए रात्रि जागरण भी अवश्य करना चाहिये।
विजया एकादशी व्रत कथा:-
ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में जब भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र तट पर पहुँचे, तब मर्यादा पुरुषोत्तम ने समुद्र देवता से मार्ग देने की प्रार्थना की परन्तु समुद्र देव ने श्री राम को लंका जाने का मार्ग नहीं दिया तब श्री राम ने वकदालभ्य मुनि की आज्ञा के अनुसार विजय एकादशी का व्रत विधि पूर्वक किया जिसके प्रभाव से समुद्र ने प्रभु राम को मार्ग प्रदान किया। इसके साथ ही विजया एकादशी का व्रत रावण पर विजय प्रदान कराने में सहायक सिद्ध हुआ और तभी से इस तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है।
(समाप्त)
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आगामी लेख
1. 24 फरवरी से "भगवान शिव तथा महाशिवरात्रि" विषय पर धारावाहिक लेख
2. शीघ्र ही "होलाष्टक, होलिका दहन तथा धुलैण्डी" पर धारावाहिक लेख प्रारम्भ।
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
बुधवार,23.2.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर-वसन्त ऋतुः ।
मास- फाल्गुन मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- सप्तमी तिथि 4:59 pm तक
चंद्रराशि- चंद्र तुला राशि मे 8:56 am तक तदोपरान्त वृश्चिक राशि।
नक्षत्र- विशाखा नक्षत्र 2:41 pm तक
योग- ध्रुव योग 8:24 am तक (अशुभ है)
करण- बव करण 5:59 pm तक
सूर्योदय 6:52 am, सूर्यास्त 6:16 pm
अभिजित् नक्षत्र- कोई नहीं
राहुकाल - 12:34 pm से 2 pm (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- उत्तर दिशा ।
फरवरी शुभ दिन:- 23 (दोपहर 3 उपरांत), 24 (दोपहर 1 तक), 25 (दोपहर 12 उपरांत), 26 (सवेरे 11 उपरांत)
फरवरी अशुभ दिन:- 27, 28
सर्वार्थ सिद्ध योग :- 23 फर० 2:41 pm से 24 फर० 1:31 pm तक (यह एक शुभयोग है, इसमे कोई व्यापारिक या कि राजकीय अनुबन्ध (कान्ट्रेक्ट) करना, परीक्षा, नौकरी अथवा चुनाव आदि के लिए आवेदन करना, क्रय-विक्रय करना, यात्रा या मुकद्दमा करना, भूमि , सवारी, वस्त्र आभूषणादि का क्रय करने के लिए शीघ्रतावश गुरु-शुक्रास्त, अधिमास एवं वेधादि का विचार सम्भव न हो, तो ये सर्वार्थसिद्धि योग ग्रहण किए जा सकते हैं।
अमृत सिद्धि योग:- 23 फर० 6:52 am से 24 फर० 6:50 am तक, इस योग मे सर्वार्थ सिद्ध योगवाले कामो के अलावा प्रेमविवाह, विदेश यात्रा तथा सकाम अनुष्ठान करना शुभ होता है।
रवि योग :- 22 फर० 3:36 pm से 23 फर० 2:41 pm तक यह एक शुभ योग है, इसमे किए गये दान-पुण्य, नौकरी या सरकारी नौकरी को join करने जैसे कायों मे शुभ परिणाम मिलते है । यह योग, इस समय चल रहे, अन्य बुरे योगो को भी प्रभावहीन करता है।
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
27 फर०-विजया एकादशी। 28 फर०-प्रदोष व्रत (कृष्ण)। 1 मार्च- महाशिवरात्रि। 2 मार्च- फाल्गुन अमावस्या।10 मार्च- होलाष्टक प्रांरभ। 14 मार्च- आमलकी एकादशी/मीन संक्रांति (पुण्यकाल 15 मार्च मध्याह्न काल तक) 15 मार्च- प्रदोष व्रत (शुक्ल) 17 मार्च- होलिका दहन। 18 मार्च- होली/फाल्गुन पूर्णिमा व्रत। 21 मार्च- संकष्टी चतुर्थी। 22 मार्च- श्रीरंग पंचमी। 25 मार्च- शीतलाष्टमी व्रत। 28 मार्च- पापमोचिनी एकादशी। 29 मार्च- मंगल प्रदोष व्रत (कृष्ण)। 30 मार्च- मासिक शिवरात्रि।
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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
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English Translation :-
Article:-Vijaya Ekadashi (26 and 27.02.2022)
Due to the Ekadashi date being two days in the month of February of the year 2022, there is a confusion as to when the fast of Vijaya Ekadashi will be kept, and on which day the fast will be broken.
Actually Vijaya Ekadashi will be on two days i.e. 26 and 27 February.
Ekadashi date starts - 26 February will be from 10:39 am
Ekadashi date ends - February 27 at 08:12 am
Therefore, this year, devotees are celebrating Vijaya Ekadashi on 26 and 27 February according to their own belief.
Smarta followers will observe a fast on 26 February and Vaishnava cult followers on 27 February.
The auspicious time for worship and fasting for the devotees observing fast on 26th February is as follows:- 26th February from 12:11 pm to 12:57 pm
Parana time- Parana of Ekadashi fast for the devotees who observe fast on 26th February:-
From 1:43 pm to 4:01 pm on February 27.
Devotees observing fast on 27th February will take the resolution of fast by worshiping before 8 am on 27th February.
According to the Hindu calendar, "Vijaya Ekadashi" is observed on the Ekadashi date of the Shukla Paksha of Paush month. In the year 2022, Vijaya Ekadashi is on 26 and 27 February.
On the day of Vijaya Ekadashi, worshiping Lord Shri Hari Vishnu ji and observing fast, one gets victory in every work. Victory is achieved over enemies and salvation is attained after death. It is said that on this holy date, a devotee who observes the fast with complete rituals, then that devotee gets success in every task.
Vijaya Ekadashi Vrat Puja Method:-
1. The fasting of Vijaya Ekadashi starts from the night of Dashami Tithi. The fasting should give up tamasic food and take salt free food from the day of Dashami i.e. the night before fasting. The fasting should also not take food made of barley, wheat and moong dal.
From that day it is necessary to follow celibacy, if possible, sleep on the ground.
2. On the day of Ekadashi, wake up early in the morning and take a vow of fasting after taking bath.
On the day of Vijaya Ekadashi, Lord Shri Vishnu ji and Mata Lakshmi ji are worshipped.
3. Establish a beautiful picture or idol of Lord Laxminarayan ji by laying a yellow cloth on a wooden post. Kumbh with coconut will be established on the same altar. Take a vow to fast on Ekadashi. If you are fasting for the fulfillment of any particular wish, then say that wish during the resolution.
4. Thereafter, after bathing the idol/picture etc. of Lord ji, do Panchopchar or Shodashopachar worship with flowers, incense, lamps etc.
5. It is very important to read or listen to the story of Vijaya Ekadashi by offering to God.
6. After worship, perform the aarti of Lord ji with devotion.
7. The worship of Vijaya Ekadashi can be done by the devotee or the devotee himself, and can also be done by a learned Brahmin.
8. After worshiping and observing the fast, offer water to the Sun God, Peepal tree should also be worshiped on this day.
9. Going to the temple, one must donate a lamp. On this day, there is also a significance of donating a lamp in the holy rivers.
9. After that, doing charity work according to your ability is also very beneficial.
10. Worship Lord Narayan once again in the evening.
11. While fasting throughout the day, keep meditating on Lord Vishnu. If you want, you can take fruit food.
12. On the night of Ekadashi, the fasting should do night awakening while meditating on Lord Vishnu (Narayan).
Vijaya Ekadashi Vrat Story:-
It is said that in Treta Yuga, when Lord Rama reached the beach to climb Lanka, Maryada Purushottam prayed to the sea god to give way, but Samudra Dev did not give the way to Sri Rama to go to Lanka. According to the orders of Vakdalabhya Muni, Rama fasted on Vijay Ekadashi, due to which the ocean gave way to Lord Rama. Along with this, the fast of Vijaya Ekadashi proved helpful in providing victory over Ravana and since then this date is known as Vijaya Ekadashi.
(End)
Upcoming Articles
1. Serial article on the topic "Lord Shiva and Mahashivratri" from February 24
2. Serial articles on "Holashtak, Holika Dahan and Dhulandi" will start soon.
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Wednesday, 23.2.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1943
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round
Rituah - Shishir - spring season.
Month- Falgun month.
Paksha - Krishna Paksha.
Date - Saptami date till 4:59 pm
Moon sign- Moon in Libra till 8:56 am and then Scorpio sign.
Nakshatra- Visakha Nakshatra till 2:41 pm
Yoga- Dhruva Yoga till 8:24 am (inauspicious)
Karan - Bav Karan till 5:59 pm
Sunrise 6:52 am, Sunset 6:16 pm
Abhijit Nakshatra - none
Rahukaal - 12:34 pm to 2 pm (Good work prohibited, Delhi)
Direction – North direction.
February Lucky Days:- 23 (after 3 pm), 24 (up to 1 pm), 25 (after 12 pm), 26 (after 11 am)
February inauspicious days:- 27, 28
Sarvartha Siddha Yoga :- 23 Feb 2:41 PM to 24 Feb 1:31 PM (This is an auspicious yoga, in this, making any business or state contract, applying for examination, job or election etc., purchase- If the idea of Guru-Shukrast, Adhimaas and Vedadi is not possible in a hurry to make sale, travel or litigation, purchase of land, rides, clothes, jewelery etc., then these Sarvarthasiddhi Yogas can be adopted.
Amrit Siddhi Yoga:- From 23 February 6:52 am to 24 February 6:50 am, in this yoga, apart from the work of Siddha Yoga, it is auspicious to do love marriage, foreign travel and fruitful rituals.
Ravi Yoga :- From 22 Feb 3:36 PM to 23 Feb 2:41 PM it is an auspicious yoga, good results are found in the works like charity, charity, joining job or government job. This yoga also neutralizes the other bad yogas that are going on at this time.
Upcoming fasts and festivals:-
27 February - Vijaya Ekadashi. 28 February - Pradosh fast (Krishna). March 1 - Mahashivratri. March 2 - Falgun Amavasya. March 10 - Holashtak begins. March 14- Amalaki Ekadashi / Meen Sankranti (Punyakaal till March 15 midday) March 15- Pradosh fast (Shukla) March 17- Holika Dahan. March 18- Holi/Falgun Purnima Vrat. March 21 - Sankashti Chaturthi. March 22 - Shrirang Panchami. March 25 - Sheetlashtami fasting. March 28 - Papmochini Ekadashi. March 29- Mangal Pradosh Vrat (Krishna). March 30 - Monthly Shivratri.
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.
Have a good day .
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