22 फ़रवरी 2022

ज्योतिषीय लेख:-"विभिन्न करण मे जन्म लेने का फल" Astrological article:-"The result of being born in different Karanas"


ज्योतिषीय लेख:-"विभिन्न करण मे जन्म लेने का फल"

।।अथ करण जन्म फल।।

जिस तिथि का करण निकालना हो तो उसी वर्तमान तिथि अंक को दूना करे उसमें से दो घटा देवे फिर जो अंक शेष रहे उसमें सात ७ का भाग दे तब जितनी संख्या का अंक शेष रहे वही संख्यांक नामक करण होगा। 
यहां पर उदाहरण पहिले की तरह समझ लेना चाहिये यहां पर तिथि को दूना करने के बाद दो घटाना अधिक है शेष सब पहिले की तरह समझ लेना चाहिये।

बव करण मे जन्म लेने का फल
बव नाम करण में जन्म लेने वाला मनुष्य बडा मानी, सर्वदा धर्म करने में निरत, शुभ और मंगल कर्म करने वाला और स्थिर कर्म करने वाला होता है ॥१॥ 

बालव करण मे जन्म लेने का फल
बालव नाम करण में जन्म लेने वाला मनुष्य तीर्थ तथा देवताओं की सेवा करने वाला, विद्या और धन के सुख से सम्पन्न और राजा का मान्य होता है ||२|| 

कौलव करण मे जन्म लेने का फल*
कौलव नाम करण में जन्म लेने वाला मनुष्य सब जनों से प्रीति करने वाला, मित्र भाव रखने वालों से संगति करने वाला और मानयुक्त होता हैं ॥ ३

तैतिल करण मे जन्म लेने का फल
जो तैतिल नाम करण में जन्म लेता है यह मनुष्य सौभाग्य और धन से संयुक्त, सब जनों से स्नेह करने वाला और चित्र-विचित्र घरों में रहने वाला होता है । 

गर करण मे जन्म लेने का फल
गर नाम करण में जन्म लेने वाला मनुष्य गृह काम में तत्पर रहता है, और जो कुछ वस्तु उसको अभीष्ट (चाह) होती है वही उद्यम करने से मिल जाती है ॥ ५ ॥

वणिज करण मे जन्म लेने का फल
जो वाणिज नाम करण में जन्म लेता हैं, वह मनुष्य वाणिज्य (व्यापार) से ही जीविका करने वाला होता है, और लोक में देशांतरों के आने जाने से वांछित वस्तु को प्राप्त होता है ॥ ६ ॥

विष्टि करण मे जन्म लेने का फल
जो विष्टि नाम करण में जन्म लोता है, वह मनुष्य अशुभ कर्म के आरम्भ करने वाला, परस्त्री गामी, विषकार्य में सदा कुशल होता है ॥ ७ ॥  

शकुनि करण मे जन्म लेने का फल
शकुनि करण में जन्म लेने वाला मनुष्य पौष्टिकादि क्रियाओं के करने में कुशल, औषध आदि में प्रवीण और वैद्य विद्या करने वाला होता है ॥ ८ ॥

चतुष्पाद करण मे जन्म लेने का फल
चतुष्पाद नाम करण में जन्म लेने वाला मनुष्य देवता ब्राह्मणों प्रीति रखने वाला, गौ की सेवा करने वाला, गौऔ का स्वामी और बड़ाई करने लायक और चतुष्पद पशु जीवों की चिकित्सा करने वाला होता है।

नाग करण मे जन्म लेने का फल
नाग करण में जन्म लने वाला मनुष्य धींवरों से प्रीति करने वाला, दारुण कर्म करने वाला, बडा दुर्भाग्य और चंचल लोचन वाला होता है ॥ १० ॥

किस्तुध्न करण मे जन्म लेने का फल
किंस्तुघ्न नामक करण में जन्म लेने वाला मनुष्य शुभ कर्म में निरत, तुष्टि पुष्टि मंगल और सिद्धि प्राप्त करने वाला होता है ॥ ११ ॥ 

।।इति करण फलम्।।

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आगामी लेख
1. 23 फरवरी को "विजया एकादशी" पर लेख
2. 24 फरवरी से "भगवान शिव तथा महाशिवरात्रि"  विषय पर धारावाहिक लेख
3. शीघ्र ही "होलाष्टक, होलिका दहन तथा धुलैण्डी" पर धारावाहिक लेख प्रारम्भ।
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
मंगलवार,22.2.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर-वसन्त ऋतुः ।
मास- फाल्गुन मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- षष्ठी तिथि 6:57 pm तक
चंद्रराशि- चंद्र तुला राशि मे।
नक्षत्र- स्वाति नक्षत्र 3:36 pm तक
योग- वृद्धि योग 10:50 am तक (अशुभ है)
करण- गर करण 7:20 am तक
सूर्योदय 6:53 am, सूर्यास्त 6:16 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:12 pm से 12:57 pm
राहुकाल - 3:25 pm से 4:50 pm* (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- उत्तर दिशा ।

फरवरी शुभ दिन:- 22 (दोपहर 4 तक), 23 (दोपहर 3 उपरांत), 24 (दोपहर 1 तक), 25 (दोपहर 12 उपरांत), 26 (सवेरे 11 उपरांत)

फरवरी अशुभ दिन:- 27, 28

रवि योग :- 22 फर० 3:36 pm से 23 फर० 2:41 pm तक  यह एक शुभ योग है, इसमे किए गये दान-पुण्य, नौकरी  या सरकारी नौकरी को join करने जैसे कायों मे शुभ परिणाम मिलते है । यह योग, इस समय चल रहे, अन्य बुरे योगो को भी प्रभावहीन करता है।
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
27 फर०-विजया एकादशी। 28 फर०-प्रदोष व्रत (कृष्ण)। 1 मार्च- महाशिवरात्रि। 2 मार्च- फाल्गुन अमावस्या।10 मार्च- होलाष्टक प्रांरभ। 14 मार्च- आमलकी एकादशी/मीन संक्रांति (पुण्यकाल 15 मार्च मध्याह्न काल तक) 15 मार्च- प्रदोष व्रत (शुक्ल) 17 मार्च- होलिका दहन। 18 मार्च- होली/फाल्गुन पूर्णिमा व्रत। 21 मार्च- संकष्टी चतुर्थी। 22 मार्च- श्रीरंग पंचमी। 25 मार्च- शीतलाष्टमी व्रत। 28 मार्च- पापमोचिनी एकादशी। 29 मार्च- मंगल प्रदोष व्रत (कृष्ण)। 30 मार्च- मासिक शिवरात्रि।
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विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी  से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है
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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
आचार्य मोरध्वज शर्मा 
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश।। 
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English Translation :-

Astrological article:-"The result of being born in different Karanas"


 Ath Karan birth fruit..


 If you want to calculate the Karana of the date, then you should double the number of the present date, subtract two from it, then divide the number by seven in the number that is left, then the number of digits left with the same number will be called Karana.

 Here the example should be understood as before, here after doubling the date, there is more than two subtractions, the rest should be understood as before.


 Result of being born in Bav Karan

 A person born in Bav Naam Karan is a big believer, always engaged in doing Dharma, doing auspicious and auspicious deeds and doing steady deeds.


 Result of being born in Balava Karan

 A person born in the name of Balav Karan is a pilgrimage and a service to the gods, full of knowledge and wealth and is recognized as a king ||2||


 The fruit of being born in Kaulava Karana

 A person born under the name Kaulava, is a person who loves all people, associates with those who have friendly feelings and is respected.  3


 Result of being born in Taitil Karana

 One who is born in the name of Taitil, this person is united with good fortune and wealth, is affectionate to all people and lives in picturesque houses.


 The fruit of being born in Gar Karan

 A person born in Gaar Naam Karan is ready to do household work, and whatever he desires (desires) he gets only by undertaking ventures.  5


 Result of being born in Vanij Karan

 The person who is born in the name of Karana, is a person who makes a living through commerce (business), and the desired object is obtained by the arrival of longitudes in the world.  6


 Result of being born in Vishish Karan

 One who takes birth in the name of Vishti, that person is the one who initiates inauspicious deeds, becomes an adulteress, is always skilled in poison.  7


 Result of being born in Shakuni Karana

 A person born in Shakuni Karana is skilled in performing nutritious activities, proficient in medicines etc.  8


 the result of being born in the quadrupedal karana

 A person born in the name of Chatushpada is a person who loves the deities of Brahmins, serves the cow, is the owner of the cow and is worthy of praising, and is a healer of the four-legged animal beings.


 Result of being born in Nag Karan

 A person born in Nag Karan is a lover of daggers, does evil deeds, is of great misfortune and fickle locomotion.  10


 Result of being born in Kistudhan Karan

 A person born in a Karan named Kinstughna is engaged in good deeds, is satisfied with happiness and attains accomplishment.  11


 ..Iti Karan Phalam..



 upcoming articles

 1. Article on "Vijaya Ekadashi" on February 23

 2. Serial article on the topic "Lord Shiva and Mahashivratri" from February 24

 3. Serial articles on "Holashtak, Holika Dahan and Dhulandi" will start soon.



 Long live Rama

 Today's Panchang, Delhi

 Tuesday,22.2.2022

 Shree Samvat 2078

 Shaka Samvat 1943

 Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round

 Rituah - Shishir - spring season.

 Month - Falgun month.

 Paksha - Krishna Paksha.

 Date - Shashti date till 6:57 pm

 Moon Sign - Moon in Libra.

 Nakshatra - Swati Nakshatra till 3:36 pm

 Yoga- Increase yoga till 10:50 am (inauspicious)

 Karan- Gar Karan till 7:20 am

 Sunrise 6:53 am, Sunset 6:16 pm

 Abhijit Nakshatra - 12:12 pm to 12:57 pm

 Rahukaal - 3:25 pm to 4:50 pm* (Good work prohibited, Delhi)

 Direction – North direction.


 February Lucky Days:- 22 (till 4 pm), 23 (after 3 pm), 24 (up to 1 pm), 25 (after 12 pm), 26 (after 11 am)


 February inauspicious days:- 27, 28


 Ravi Yoga :- 22 Feb 3:36 PM to 23 Feb 2:41 PM This is an auspicious yoga, it gives auspicious results in works like charity, job or joining a government job.  This yoga also neutralizes other bad yogas that are going on at this time.


 Upcoming fasts and festivals:-

 27 February - Vijaya Ekadashi.  28 February - Pradosh fast (Krishna).  March 1 - Mahashivratri.  March 2 - Falgun Amavasya. March 10 - Holashtak begins.  March 14- Amalaki Ekadashi / Meen Sankranti (Punyakaal till March 15 midday) March 15- Pradosh fast (Shukla) March 17- Holika Dahan.  March 18- Holi/Falgun Purnima Vrat.  March 21 - Sankashti Chaturthi.  March 22 - Shrirang Panchami.  March 25 - Sheetlashtami fasting.  March 28 - Papmochini Ekadashi.  March 29- Mangal Pradosh Vrat (Krishna).  March 30 - Monthly Shivratri.


 Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.


 Have a good day . 

 Acharya Mordhwaj Sharma

 Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi Uttar Pradesh.

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