(2 फरवरी प्रतिपदा से 10 फरवरी नवमी तक)
द्वितीय नवरात्र का 2 फरवरी को क्षय, अष्टमी तिथि की वृद्धि
नवरात्रि प्रारम्भ- 02 फरवरी 2022
नवरात्रि समाप्त – 10 फरवरी 2022
अष्टमी पूजन प्रारम्भ- 9 फरवरी, 08:06 AM से
अष्टमी पूजा समाप्त- 08:54 AM पर
माघ मास के गुप्त नवरात्रे 2 फरवरी 2022 से प्रांरभ हो रहे है। प्रतिपदा तिथि 2 फरवरी 8:32 am तक रहेंगी। इस वर्ष दूसरे नवरात्र का क्षय है, तथा आठवां नवरात्र बढ़ रहा है, अतः दूसरा नवरात्र 3 फरवरी को और आठवां नवरात्र 9 फरवरी को मनाया जायेगा दुर्गाष्टमी 9 फरवरी को तथा नवमी 10 फरवरी को मनाई जायेगी। नवम नवरात्रे के साथ ही गुप्त नवरात्रे पूर्ण हो जायेंगे।
देवी भगवती की उपासना का पर्व नवरात्र कहलाता है । इसमे आदिशक्ति के नौ रूपों की नौ दिनो मे अलग-२ पूजा की जाती है, जिससे मां प्रसन्न होकर भक्तो के मनोरथो को पूर्ण करती है ।
देवी भागवत् मे एक वर्ष मे चार नवरात्रों को कहा गया है ।
1.चैत्र-वासन्तीय नवरात्र-"प्रकट नवरात्रे"(मार्च -अप्रैल )
2. अश्विन-शारदीय नवरात्र-"प्रकट नवरात्रे" (अक्तूबर )
1. आषाढ़ नवरात्र - "गुप्त नवरात्रे" ( जून-जुलाई )
2. माघ नवरात्र - "गुप्त नवरात्रे"(जनवरी-फरवरी )
गतांक से आगे...........
गुप्त नवरात्रो मे जाप किये जाने वाले मंत्र-स्तोत्र
गुप्त नवरात्रो मे मां दुर्गा की कृपा के द्वारा, विभिन्न मनोकामनाओ के पूर्ण करने हेतु, भिन्न-भिन्न मंत्रो तथा स्तोत्र के जाप के द्वारा, भक्त तथा साधक अपनी श्रेष्ठ भक्ति तथा समर्पण के द्वारा अपने मनोरथो को पूर्ण कर सकते है । यह गुप्त नवरात्रे कम समय तथा न्यूनतम प्रयासों द्वारा मां की कृपा प्राप्ति का अनुपम अवसर है ।
नवरात्र के दौरान किसी भी मंत्र अथवा जाप हेतु भक्त के मन तथा दैनिक जीवन मे पूर्ण शुद्धि तथा समर्पण की भावना होना अतिआवश्यक है । अपने मन से काम, क्रोध, लोभ, मोह भाव तथा अपशब्दो को त्याग कर केवल मां की भक्ति तथा तथा दैनिक कर्मो को निभाते हुए नवरात्रो की पूजा कर्मो को पूर्ण करना चाहिए ।
मां के मंत्र जाप हेतु लाल चंदन की माला से प्रतिदिन अपनी क्षमता के अनुसार अधिक से अधिक माला का जाप अथवा कम से कम नौ या ग्यारह माला का जाप अवश्य करे ।
जाप करने हेतु प्रतिदिन एक ही समय रखे, रोज-२ पूजा का समय न बदले तथा प्रतिदिन एक समान संख्या मे ही मंत्र जाप करे, ( किसी दिन कम तथा किसी दिन ज्यादा की संख्या न रखे )
भक्तो के विभिन्न मनोरथो को पूर्ण करने हेतु मंत्र तथा स्तोत्र:-
1. नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततंनम:।
नम: प्रकृत्यै भद्राये नियता: प्रणता: स्मताम्।
अर्थातः- देवी को नमस्कार है, महादेवी शिवा को सर्वदा नमस्कार है। प्रकृति एवं भद्रा को प्रणाम है। हम लोग नियमपूर्वक जगदंबा को नमस्कार करते हैं।
इस प्रकार देवी दुर्गा का स्मरण कर प्रार्थना करने मात्र से देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इच्छा पूर्ण करती है। देवी मां दुर्गा अपनी शरण में आए हर शरणार्थी की रक्षा कर उसका उत्थान करती है। देवी की शरण में जाकर देवी से प्रार्थना करें, जिस देवी की स्वयं देवता भी अराधना करते हैं। वह भगवती शरणागत को आशीर्वाद प्रदान करती है।
2.दु:स्वपन तथा ग्रह पीडा निवारण हेतु मंत्र:-
शांतिकर्मणि सर्वत्र तथा दु:स्वप्रदर्शने।
ग्रहपीड़ासु चोग्रासु महात्मयं शणुयात्मम।।
लाभ- सर्वत्र शांति कर्म में, बुरे स्वप्न दिखाई देने पर तथा ग्रहजनित भयंकर पीड़ा उपस्थित होने पर मंत्र जाप करना चाहिए। इससे सब पीड़ाएं शांत और दूर हो जाती है। मनुष्यों के दु:स्वप्न भी शुभ स्वप्न में परिवर्तित हो जाते है। ग्रहों से अक्रांत हुए मनुष्यों के लिए देवी का यह मंत्र शांतिकारक है। देवी प्रसन्न होकर धार्मिक बुद्धि तथा धन सभी कुछ प्रदान करती है।
3. आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए चमत्कारिक मंत्र -
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
अर्थातः शरण में आए हुए दीनों एवं पीडि़तों की रक्षा में संलग्न रहने वाली तथा सब की पीड़ा दूर करने वाली नारायणी देवी! तुम्हें नमस्कार है।
देवी से प्रार्थना कर अपने रोग, अंदरूनी बीमारी को ठीक करने की प्रार्थना भी करें। इस मंत्र से भगवती समस्त रोग को हरकर स्वस्थ जीवन प्रदान करती है ।
4. रोग नाश का मंत्रः-
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान सकलान भीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।
अर्थातः देवी! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके है। उनको विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गए हुए मनुष्य दूसरों को शरण देने वाले हो जाते हैं।
5. दु:ख-दारिद्र नाश के लिएः-
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:।
स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।।
द्रारिद्र दु:ख भयहारिणि का त्वदन्या। सर्वोपकारकारणाय सदाह्यद्र्रचिता।।
भावार्थ:-
मां दुर्गे । आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का दुख हर लेती है, और स्वस्थ पुरूषों का चिंतन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं । दुख, दरिद्रता और भय हरने वाली देवि । आपके सिवा दूसरी कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिए सदा ही दयार्द्र रहता हो ।
6. ऐश्वर्य, सौभाग्य, आरोग्य, संपदा प्राप्ति एवं शत्रु भय मुक्ति-मोक्ष के लिएः-
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
7. स्वप्न में कार्य सिद्घि-असिद्घि जानने के लिएः-
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ साधिके।
मम सिद्घिमसिद्घिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय।।
8. शक्ति प्राप्ति के लिएः-
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तुते।।
अर्थातः तुम सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति भूता, सनातनी देवी, गुणों का आधार तथा सर्वगुणमयी हो। नारायणि! तुम्हें नमस्कार है।
9.रक्षा का मंत्रः-
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि: स्वनेन च।।
अर्थातः देवी! आप शूल से हमारी रक्षा करें। अम्बिके! आप खड्ग से भी हमारी रक्षा करें तथा घण्टा की ध्वनि और धनुष की टंकार से भी हमलोगों की रक्षा करें।
10. विपत्ति नाश के लिएः-
शरणागतर्दनार्त परित्राण पारायणे।
सर्व स्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥
11. मोक्ष प्राप्ति के लिएः-
त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या।
विश्वस्य बीजं परमासि माया।।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत्।
त्वं वैप्रसन्ना भुवि मुक्त हेतु:।।
12. भय नाशक दुर्गा मंत्रः-
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते।
13. दुर्गा महामंत्र:-
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।
(समाप्त)
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आगामी लेख
1. 1 फर० से "माघ मास गुप्त नवरात्रो" पर धारावाहिक लेख
2. 4 फर० से "वसन्त पंचमी" विषय पर धारावाहिक लेख*
3. 6 फर० को "रथ सप्तमी" पर लेख।
4. 7 फर० को ज्योतिषीय विषय "विभिन्न 'ऋतुओ' तथा 'मासो' मे जन्म लेने का फल"पर लेख
5. 9 फर० से "जया एकादशी" विषय पर धारावाहिक लेख
6. 11 फर० को "फाल्गुन सक्रांति" पर लेख
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जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
वृहस्पतिवार,3.2.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1943
सूर्य अयन- उतरायण, गोल-दक्षिण गोल
ऋतुः- शिशिर ऋतुः ।
मास- माघ मास।
पक्ष- शुक्ल पक्ष ।
तिथि- तृतीया तिथि अगले दिन 4:40 am
चंद्रराशि- चंद्र कुंभ राशि मे।
नक्षत्र- शतभिषा नक्षत्र 4:35 pm तक
योग- परिघ योग 9:15 pm तक (अशुभ है)
करण- तैतिल करण 5:24 pm तक
सूर्योदय 7:08 am, सूर्यास्त 6:01 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:13 pm से 12:56 pm
राहुकाल - 1:56 pm से 3:18 pm (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- दक्षिण दिशा ।
फरवरी शुभ दिन:- 3, 4 (दोपहर 4 तक), 5, 6, 7, 10 (सायं. 7 तक), 11 (रात्रि 8 उपरांत), 12 (दोपहर 4 उपरांत), 13, 14, 15, 16 (सवेरे 10 उपरांत), 17, 18, 19 (सवेरे 10 तक), 20, 21, 22 (दोपहर 4 तक), 23 (दोपहर 3 उपरांत), 24 (दोपहर 1 तक), 25 (दोपहर 12 उपरांत), 26 (सवेरे 11 उपरांत)
फरवरी अशुभ दिन:- 8, 9, 27, 28
पंचक प्रारंभ:- 2 फर० को 6:45 am से 6 फर० 5:10 pm तक पंचक नक्षत्रों मे निम्नलिखित काम नही करने चाहिए, 1.छत बनाना या स्तंभ बनाना( lantern or Pillar ) 2.लकडी या तिनके तोड़ना , 3.चूल्हा लेना या बनाना, 4. दाह संस्कार करना (cremation) 5.पंलग चारपाई, खाट , चटाई बुनना या बनाना 6.बैठक का सोफा या गद्दियाँ बनाना । 7 लकड़ी ,तांबा ,पीतल को जमा करना ।(इन कामो के सिवा अन्य सभी शुभ काम पंचको मे किए जा सकते है।
रवि योग :- 3 फर० 4:35 pm से 4 फर० 3:58 pm तक
यह एक शुभ योग है, इसमे किए गये दान-पुण्य, नौकरी या सरकारी नौकरी को join करने जैसे कायों मे शुभ परिणाम मिलते है । यह योग, इस समय चल रहे, अन्य बुरे योगो को भी प्रभावहीन करता है।
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आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
4 फर०- गणेश चतुर्थी। 5 फर०-बसंत पंचमी/सरस्वती पूजा। 5 फर०- रथ आरोग्य सप्तमी। 10 फर०- गुप्त नवरात्रे समाप्त। 12 फर०-जया एकादशी/ फाल्गुन सक्रांति अर्धरात्रि 3:26 am, (पुण्य काल अगले दिन 9:50 तक)। 14 फर०-प्रदोष व्रत (शुक्ल)/कुम्भ संक्रांति। 16 फर०-माघ पूर्णिमा व्रत। 20 फर०-संकष्टी चतुर्थी। 27 फर०-विजया एकादशी। 28 फर०-प्रदोष व्रत (कृष्ण)।
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विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है
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आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
आचार्य मोरध्वज शर्मा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश।।
9648023364
9129998000
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English Translation :-
(2 February Pratipada to 10 February Navami)
Decay of second Navratri on February 2, increase of Ashtami date
Navratri starts - 02 February 2022
Navratri ends - 10 February 2022
Ashtami Puja starts - from 9th February, 08:06 AM
Ashtami Puja ends at 08:54 AM
Gupt Navratra of Magh month is starting from 2nd February 2022. Pratipada date will remain till 2 February 8:32 am. This year there is a decay of the second Navratri, and the eighth Navratri is increasing, so the second Navratri will be celebrated on February 3 and the eighth Navratri on February 9. Durgashtami will be celebrated on February 9 and Navami on February 10. Gupt Navratra will be completed with the ninth Navratra.
The festival of worship of Goddess Bhagwati is called Navratri. In this, nine forms of Adishakti are worshiped separately in nine days, due to which the mother is pleased and fulfills the wishes of the devotees.
Four Navratras are mentioned in the Goddess Bhagavatam in a year.
1.Chaitra-Vasantiya Navratri-"manifest Navratra"(March-April)
2. Ashwin-Sharadiya Navratri-"manifest Navratra" (October)
1. Ashadha Navratri - "Gupt Navratra" (June-July)
2. Magha Navratri - "Gupt Navratra" (January-February)
Beyond the date.............
Mantras and hymns to be chanted in Gupt Navratri
In Gupt Navratri, by the grace of Maa Durga, for fulfillment of various desires, by chanting different mantras and stotras, devotees and seekers can fulfill their desires through their best devotion and dedication. This Gupt Navratri is a unique opportunity to get the blessings of the mother in less time and with minimum efforts.
For any mantra or chanting during Navratri, it is very important to have a feeling of complete purification and dedication in the mind and daily life of the devotee. By renouncing lust, anger, greed, attachment and abusive words from one's mind, worship of Navratri should be completed while performing devotion to mother and daily activities only.
To chant the mantra of the mother, you must chant as many rosaries as possible or at least nine or eleven rosaries daily according to your ability with a garland of red sandalwood.
Keep the same time every day for chanting, do not change the time of worship every day and chant the same number of mantras every day, (don't keep the number less on some days and more on some days)
Mantras and Stotras to fulfill the various desires of the devotees:-
1. Namo Devyai Mahadevyai Shivaayi Sattannam:.
Namah Prakrityai Bhadraye Niyata: Pranata: Smtam.
Meaning:- Salutations to the Goddess, Salutations to Mahadevi Shiva always. Prakriti and Bhadra are respected. We salute Jagdamba regularly.
In this way, by remembering Goddess Durga and praying, the Goddess is pleased and fulfills the wishes of her devotees. Goddess Maa Durga protects and uplifts every refugee who comes to her shelter. Go to the shelter of the goddess and pray to the goddess, which is worshiped by the deities themselves. That Bhagwati blesses the refugee.
2.Mantra for the removal of nightmares and planetary pains:-
Shantikarmani everywhere and showing sorrow.
Grahapidasu Chograsu Mahatmayam Shanuayatmam.
Benefits- Mantra should be chanted everywhere in peace work, when bad dreams are seen and in the presence of severe planetary pain. This calms and removes all the pains. Even the nightmares of human beings turn into auspicious dreams. This mantra of the goddess is peaceful for the human beings engulfed by planets. The goddess is pleased and bestows religious intelligence and wealth on everything.
3. Miraculous mantra for attainment of health and good luck -
Dehi Saubhagya, Arogya, the supreme happiness in the body.
Roopam Dehi Jayam Dehi Yasho Dehi Dwishojahi॥
Meaning: Narayani Devi, who is involved in the protection of the oppressed and the victims who have come to the shelter and removes the pain of all! hello to you
Pray to the Goddess and also pray to cure your disease, internal illness. With this mantra, Bhagwati defeats all diseases and gives healthy life.
4. Mantra for the destruction of diseases:-
Rogansheshanpahansi Tushta Rushta tu Kaman Saqlan Bhishtan.
Tvamashritanam na vippannaranam tvamashrita hashraytam prayanti.
Meaning: Goddess! When you are happy, you destroy all diseases and when you are angry, you destroy all desires. Those who have taken refuge in you. They do not face any calamity. The people who have taken refuge in you become the ones who give shelter to others.
5. For the destruction of sorrow and poverty:-
Durga Smrita Harsi Bhitimshesjanto:.
Healthy Smrta Matimativ Shubhan Dadasi.
Draaridra, sorrow, fear of fear. Sarvaopkarnayi virtuous-heartedness.
gist:-
Mother Durga. On remembering you, she takes away the misery of all beings, and when she contemplates on healthy men, she bestows her wisdom with supreme welfare. Goddess who removes sorrow, poverty and fear. Who is there other than you, whose mind is always kind to do everyone's favor?
6. For opulence, good fortune, health, wealth attainment and freedom from enemy fear-salvation:-
Aishwarya Yatprasaden Saubhagya-Health Sampadah.
Enemy loss on salvation: Stuyte san ki janai.
7. To know the accomplishment-disadvantage in the dream:-
Durga Devi Namastubhyam is a devoted devotee of all.
Mam siddhimasidghi wa swapne sarva prasadhyay.
8. To get power:-
The state of creation is destroyed, Shaktibhute Sanatani.
Gunashraye Gunmaye Narayani Namostute.
Meaning: You are the power of creation, maintenance and destruction, the eternal goddess, the basis of virtues and omnipotent. Narayani! hello to you
9.Mantra of Defense:-
Shulen Pahi No Devi Pahi Khadgen Chambike. Ghantaswanen na: pahi chapajyani: swanen ch..
Meaning: Goddess! You protect us from colic. Ambike! May you protect us also from the sound of the bell and also protect us from the sound of the bow.
10. For the destruction of calamity:-
Sharyagatardardanart Paritran Parayane.
Sarva Saryati Hare Devi Narayani Namotute.
11. To attain salvation:-
Tvam Vaishnavi Shaktirnantavirya.
Vishwasya Bijam Paramasi Maya.
Hypnotized Devi Samastamet.
For Tvam Vaiprasanna Bhuvi Mukt:..
12. Fearless Durga Mantra:-
Sarva swarupe sarvese sarva shakti samyotete bhayabhyastrahino devi durge devi namostute.
13. Durga Mahamantra:-
Jayanti Mangala Kali Bhadrakali Kapalini.
Durga Kshama Shiva Dhatri Swaha Swadha Namostute.
(End)
upcoming articles
1. Serial article on "Magh Mas Gupt Navratro" from 1st Feb.
2. Serial article on the topic "Vasant Panchami" from 4th Feb.*
3. Article on "Ratha Saptami" on 6th Feb.
4. Article on the astrological topic "Fruits of being born in different 'seasons' and 'Maso' on 7th February"
5. Serial article on the topic "Jaya Ekadashi" from February 9
6. Article on "Falgun Sankranti" on February 11
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Thursday,3.2.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1943
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South Round
Rituah - winter season.
Month - Magha month.
Paksha - Shukla Paksha.
Tithi- Tritiya Tithi the next day at 4:40 am
Moon Sign - Moon in Aquarius.
Nakshatra - Shatabhisha Nakshatra till 4:35 pm
Yoga- Parigha Yoga till 9:15 pm (inauspicious)
Karan- Taitil Karan till 5:24 pm
Sunrise 7:08 am, Sunset 6:01 pm
Abhijit Nakshatra - 12:13 pm to 12:56 pm
Rahukaal - 1:56 pm to 3:18 pm (Good work prohibited, Delhi)
Dishashul - South direction.
February Lucky Days:- 3, 4 (till 4 pm), 5, 6, 7, 10 (till 7 pm), 11 (after 8 pm), 12 (after 4 pm), 13, 14, 15, 16 ( After 10 am), 17, 18, 19 (till 10 am), 20, 21, 22 (till 4 pm), 23 (after 3 pm), 24 (up to 1 pm), 25 (after 12 pm), 26 ( after 11 am)
February inauspicious days:- 8, 9, 27, 28
Panchak start:- On February 2 from 6:45 am to 6:10 pm, the following things should not be done in Panchak constellations, 1. Making a roof or making a pillar (lantern or pillar) 2. Breaking wood or straws, 3. Hearth Taking or making, 4. Cremation 5. Bed bed, cot, mat, knit or make 6. Making sofa or mattress for the meeting. 7 To deposit wood, copper, brass. (Apart from these works all other auspicious work can be done in Panchko.
Ravi Yoga :- 3 Feb 4:35 PM to 4 Feb 3:58 PM
This is an auspicious yoga, good results are found in the works like charity, job or joining a government job. This yoga also neutralizes the other bad yogas that are going on at this time.
Upcoming fasts and festivals:-
4th Feb- Ganesh Chaturthi. 5th February - Basant Panchami / Saraswati Puja. 5th Feb- Rath Arogya Saptami. 10th Feb- Gupt Navratri ends. 12 Feb - Jaya Ekadashi / Falgun Sakranti midnight 3:26 am, (Punya Kaal till 9:50 the next day). 14 February - Pradosh fast (Shukla) / Kumbh Sankranti. 16 February - Magha Purnima fast. 20 February - Sankashti Chaturthi. 27 February - Vijaya Ekadashi. 28 February - Pradosh fast (Krishna).
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.
Have a good day .
Acharya Mordhwaj Sharma
Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi Uttar Pradesh.
9648023364
9129998000
बहुत सुन्दर जानकारी मिली । 🌹🙏🏻🙏🏻ओम् नमः शिवाय्🙏🏻🙏🏻🌹 🌹🙏🏻🙏🏻हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻🌹
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