17 जुलाई 2023

भगवान शिव, सावन मास पूजन तथा व्रत विधि (भाग -5)


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*धारावाहिक लेख:- भगवान शिव, सावन मास पूजन तथा व्रत विधि (भाग -5)*

*पूर्व मे प्रकाशित भाग के अंश........*

*सावन का पहला दिन- 4 जुलाई 2023, मंगलवार*
*सावन का अंतिम दिन - 31 अगस्त (पूर्णिमा)*

*सावन सोमवार:-*
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई (अधिकमास)
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई (अधिकमास)
सावन का पांचवा सोमवार: 7 अगस्त (अधिकमास)
सावन का छठवां सोमवार: 14 अगस्त (अधिकमास)
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त

चान्द्र मास गणना अनुसार वर्ष 2023 मे अधिक मास होने के कारण श्रावण अर्थात सावन मास लगभग दो महीने (59 दिन) का रहेगा। सावन मास का आंरभ दिनांक 4 जुलाई 2023 को होगा, 4 जुलाई से लेकर 31 अगस्त (श्रावण पूर्णिमा) तक की लगभग दो महीने की अवधि तक सावन मास रहेगा।

जिसमे 4 जुलाई से 17 जुलाई तक के सावन कृष्णपक्ष की अवधि को शुद्ध सावन माना जायेगा। 
तदोपरान्त 18 जुलाई से 16 अगस्त तक  अधिक मास रहेगा। 
इसके उपरांत 17 अगस्त से 31 अगस्त तक फिर से सावन शुक्ल पक्ष की अवधि को शुद्ध सावन माना जायेगा। 
इस तरह 2023 मे सावन 59 दिनों का होगा। ये दुर्लभ संयोग करीब 19 साल बाद मे निर्मित हो रहा है।

*गतांक से आगे.............*

*सावन मास मे शिव पूजन द्वारा कष्ट निवारण हेतु उपाय:-*

1. जिन व्यक्तियों कि कुंडली मे साढेसाती, दूषित चंद्र की दशा-महादशा, अमावस्या-पूर्णिमा या ग्रहण का जन्म हो तो वह जातक व्रत के साथ शिव अष्टोतरी मंत्र का जाप करे।

*शिव अष्टोतरी मंत्र :-* 

  *॥ ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं ॥*

2. मानसिक रोग ( डिप्रेशन, संवेदनशील स्वभाव, वहम ), क्षय रोग, दमा-श्वास रोग, साइनस, मिर्गी तथा किडनी रोगो से पीडित व्यकित या महावारी या स्त्री रोग से पीडित नारियाँ सावन के व्रत या पूजन के साथ रूद्र गायत्री मंत्र का जाप करे तो निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा ।

*रूद्र गायत्री मंत्र :-*
 *ॐ पुरुषस्य विद्महे, सहस्राक्षस्य धीमहि ।*
      *तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥*

3. जो लोग मारकेष या लम्बी बीमारी से ग्रस्त हो वह सावन मास मे पूजन के साथ प्रतिदिन 11माला लधुमृत्युंजय मंत्र के साथ ॥ नमः शिवाय ॥ मंत्र का जाप करे तो केवल एक महीने के जाप के प्रभाव से मृत्युशैया से भी उठ खडे होगे ।

*लघुमृत्युंजय मंत्र :-*  
*॥ ॐ ह्रौं जू  सः ॥*

4. वास्तु शुद्धि अथवा गृह शुद्धि के लिए सावन मास मे अपनी क्षमतानुसार एक बार, पांच बार, सावन के चारो सोमवार या सावन माह मे लगातार रूद्राभिषेक करवाये ।

5. *भगवान शंकर का पंचाक्षर मंत्र:-*
*। ॐ नमः शिवाय ।* 

यह अमोघ एवं मोक्षदायी है, पंचाक्षर स्तोत्र अत्यंत पुण्यदायी व मनोरथो को पूर्ण करने वाला, समस्त भय को दूर करने वाला तथा मोक्ष प्रदान करने वाला स्तोत्र है ।

6. *शिव पंचाक्षर स्त्रोत:-*
*नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय ।*
*नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे "न" काराय नमः शिवायः॥*

अर्थ :- हे महेश्वर! आप नागराज को हार स्वरूप धारण करने वाले हैं। हे (तीननेत्रों वाले) त्रिलोचन आप भस्म से अलंकृत, नित्य (अनादि एवं अनंत) एवं शुद्ध हैं। अम्बर को वस्त्र सामान धारण करने वाले दिग्मबर शिव, आपके न् अक्षर द्वारा जाने वाले स्वरूप को नमस्कार ।

*मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।*
*मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे "म" काराय नमः शिवायः॥*

अर्थ :- चन्दन से अलंकृत, एवं गंगा की धारा द्वारा शोभायमान नन्दीश्वर एवं प्रमथनाथ के स्वामी महेश्वर आप सदामन्दार पर्वत एवं बहुदा अन्य स्रोतों से प्राप्त्य पुष्पों द्वारा पुजित हैं। हे म् स्वरूप धारी शिव, आपको नमन है।

*शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।*
*श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै"शि" काराय नमः शिवायः॥*

अर्थ :- हे धर्म ध्वज धारी, नीलकण्ठ, शि अक्षर द्वारा जाने जाने वाले महाप्रभु, आपने ही दक्ष के दम्भ यज्ञ का विनाश किया था। माँ गौरी केकमल मुख को सूर्य सामान तेज प्रदान करने वाले शिव, आपको नमस्कार है।

*वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय ।*
*चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै"व" काराय नमः शिवायः॥*

अर्थ :- देवगणो एवं वशिष्ठ्ठ , अगस्त्य, गौतम आदि मुनियों द्वार पुजित देवाधिदेव! सूर्य, चन्द्रमा एवं अग्नि आपके तीन नेत्र सामन हैं। हे शिव आपके व् अक्षर द्वारा विदित स्वरूप कोअ नमस्कार है।

*यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय ।*
*दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै "य" काराय नमः शिवायः॥*

अर्थ :- हे यज्ञस्वरूप, जटाधारी शिव आप आदि, मध्य एवं अंत रहित सनातन हैं। हे दिव्य अम्बर धारी शिव आपके शि अक्षर द्वारा जाने जाने वाले स्वरूप को नमस्कारा है।

*पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत शिव सन्निधौ ।*
*शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते॥*

अर्थ :- जो कोई शिव के इस पंचाक्षर मंत्र का नित्य ध्यान करता है वह शिव के पुुण्य लोक को प्राप्त करता है तथा शिव के साथ सुख पुर्वक निवास करता है।

7. विषम काल में यदि कोई गंभीर या लाइलाज शारीरिक कष्ट, मारकेष या गहरा संकट आ जाये निम्नलिखित मंत्र का सवा लाख जप बड़ी से बड़ी समस्या, विघ्न या शारीरिक कष्ट को टाल देता है।

*महामंत्र:-*
*ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ*

*(क्रमंशः)*
*लेख के छठे भाग मे कल "भगवान भोलेनाथ की प्रसन्नता तथा कृपा प्राप्ति हेतु कुछ लघु महामंत्र*
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*आगामी लेख:-*
*1. 5 जुलाई के पंचांग मे "सावन मास"पर धारावाहिक लेख, तत्पश्चात 16 जुलाई के पंचांग से लेख के चौथे भाग, तथा अगले भागो का प्रसारण।*
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*जय श्री राम*
*कल का पंचांग 🌹🌹🌹*
*सोमवार,17.07.2023*
*श्री संवत 2080*
*शक संवत् 1945*
*सूर्य अयन- दक्षिणायन, उत्तर गोल*
*ऋतुः- वर्षा ऋतुः।*
*मास- प्रथम शुद्ध श्रावण मास।*
*पक्ष- कृष्ण पक्ष ।*
*तिथि- अमावस्या तिथि 18 जुलाई 00:01 am तक*
*चंद्रराशि- चंद्र मिथुन राशि मे 10:32 am तक तदोपरान्त कर्क राशि।*
*नक्षत्र- पुनर्वसु ऩक्षत्र 18 जुलाई 5:11 am तक*
*योग- व्याघात योग 8:58 am तक (अशुभ है)*
*करण- चतुष्पद करण 11:02 am तक* 
*सूर्योदय- 5:34 am, सूर्यास्त 7:20 pm*
*अभिजित् नक्षत्र- 12 pm से 12:55 pm*
*राहुकाल- 7:17 am से 9:01 pm (शुभ कार्य वर्जित )*
*दिशाशूल- पूर्व दिशा।*

*जुलाई शुभ दिन:-* 19, 21 (दोपहर 12 उपरांत), 22 (सवेरे 9 उपरांत), 23, 24, 25 (दोपहर 3 तक), 26, 28

*जुलाई अशुभ दिन:-* 17, 18, 20, 27, 29, 30, 31. 
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*आगामी व्रत तथा त्यौहार:-*                   
17 जुला०- श्रावण/सोमवती अमावस्या। 18 जुलाई- श्रवण (अधिक) मलमास आरंभ। 29 जुला०- पद्मिनी एकादशी। 30 जुला०- प्रदोष व्रत।
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*विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी  से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है*
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*आपका दिन मंगलमय हो*. 💐💐💐
आचार्य मोरध्वज शर्मा 
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश।।
9648023364
9129998000

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