14 जुलाई 2023

हरियाली अमावस्या/दर्श अमावस्या, शुद्ध श्रावण अमावस्या, 17.07.2023, भाग-3


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*लेख:- हरियाली अमावस्या/दर्श अमावस्या, शुद्ध श्रावण अमावस्या, 17.07.2023, भाग-3*
अंतिम*

*अमावस्या तिथि आरंभ- 16 जुलाई 10:08 pm*
*अमावस्या तिथि समाप्त- 17/18 जुलाई मध्यरात्रि 00:01 am*

*हरियाली अमावस्या के पर्व द्वारा बारह राशियों के अनुसार  पर्यावरण की रक्षा हेतु वृक्षारोपण।*


 हरियाली अमावस्या का पर्व मनुष्यों को, प्राणी जगत तथा पर्यावरण के सरंक्षण हेतु पेड-पौधों का क्या महत्व है, इस संबंध में भी जागरूक करता है। 

हिन्दू धर्म के त्रिकालदर्शी ऋषियों तथा सिद्ध साधु-महात्माओ ने प्राचीन काल में पर्यावरण के  सरंक्षण के लिए पेड़-पौधे तथा वृक्षो की महत्ता को समझते हुए, मनुष्यों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करने के लिए ही 'हरियाली अमावस्या' के पर्व को वृक्षारोपण के साथ जोडा।

अतः प्राचीन काल से ही हिन्दु धर्म के अनुयायी  हरियाली अमावस्या के अवसर पर ऐसे पेड-पौधे तथा वृक्षों का रोपण करते आ रहे हैं, जोकि हिन्दू धर्म मे शुभ, सम्पूर्ण प्राणी जगत के लिए लाभदायक तथा पर्यावरण के सरंक्षण के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बारह राशियाँ होती है, प्रत्येक मनुष्य को अपने जन्म समय एक राशि प्राप्त होती है, जिसके अनुसार मनुष्य जीवन भर शुभाशुभ फल को प्राप्त करता है। प्रत्येक जन्म राशि किसी न किसी पेड़-पौधे तथा वनस्पतियों का प्रतिनिधित्व करती है। अपनी इसी जन्म राशि के अनुसार शुभ फल प्राप्त करने के लिए मनुष्यों को हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए।



*1. मेष राशि:-*
मेष राशि के जातकों को 'खैर अथवा अनार' के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*2. वृष राशि:-*
वृष राशि के जातकों को "गूलर, अशोक के वृक्ष अथवा सीताफल" के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*3. मिथुन राशि:-*
मिथुन राशि के जातकों को 'अपामार्ग या आंवले वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*4. कर्क राशि:-*
कर्क राशि के जातकों को 'ढ़ाक अथवा नारियल' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*5. सिंह राशि:-*
सिंह राशि के जातकों को  "आक (अर्क) यानि सफेद आंकड़े अथवा बेल के वृक्ष" के पौधे का रोपण करना चाहिए।

*6. कन्या राशि:-*
कन्या राशि के जातकों को 'अपामार्ग, नीम अथवा अशोक' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*7. तुला राशि:-*
तुला राशि के जातकों को 'गूलर' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*8. वृश्चिक राशि:-*
वृश्चिक राशि के जातकों को 'खैर या अनार' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*9. धनु राशि:-* 
धनु राशि के जातकों को 'आम, पीपल अथवा बरगद' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*10. मकर राशि:-*
मकर राशि के जातकों को 'शमी' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*11. कुंभ राशि:-*
कुंभ राशि के जातकों को 'शमी अथवा शीशम' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*12. मीन राशि:-*
मीन राशि के जातकों को 'केला अथवा आम' वृक्ष के पौधे का रोपण करके बड़े होने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।

*(समाप्त)*
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*आगामी लेख:-*
*1. 5 जुलाई के पंचांग मे "सावन मास"पर धारावाहिक लेख, तत्पश्चात 15 जुलाई के पंचांग से लेख के चौथे भाग, तथा अगले भागो का प्रसारण।*
*2. 15 जुलाई के पंचांग मे "सावन शिवरात्रि पर भक्तो तथा कांवडियो द्वारा जलाभिषेक" विषय पर लेख।*
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*जय श्री राम*
*कल का पंचांग 🌹🌹🌹*
*शुक्रवार,14.07.2023*
*श्री संवत 2080*
*शक संवत् 1945*
*सूर्य अयन- दक्षिणायन, उत्तर गोल*
*ऋतुः- वर्षा ऋतुः।*
*मास- प्रथम शुद्ध श्रावण मास।*
*पक्ष- कृष्ण पक्ष ।*
*तिथि- द्वादशी तिथि 7:17 pm तक*
*चंद्रराशि- चंद्र वृष राशि मे।*
*नक्षत्र- रोहिणी ऩक्षत्र 10:27 pm तक*
*योग- गण्ड योग 8:28 am तक (अशुभ है)*
*करण- कौलव करण 6:47 am तक* 
*सूर्योदय- 5:32 am, सूर्यास्त 7:21 pm*
*अभिजित् नक्षत्र- 11:59 am से 12:54 pm*
*राहुकाल- 10:43 am से 12:27 pm (शुभ कार्य वर्जित )*
*दिशाशूल- पश्चिम दिशा।*

*जुलाई शुभ दिन:-* 14 (सायं. 7 तक), 19, 21 (दोपहर 12 उपरांत), 22 (सवेरे 9 उपरांत), 23, 24, 25 (दोपहर 3 तक), 26, 28

*जुलाई अशुभ दिन:-* 15, 16, 17, 18, 20, 27, 29, 30, 31. 

*यमघण्टक योग:- 14 जुलाई 5:32 am से 14 जुलाई 10:27 pm तक, फिर 16 जून 3:07 pm से 17 जून 5:23 am तक* यह एक अशुभ योग हैं, यह कष्टदायक योग है, इसमे विशेष रूप से शुभ कार्य के लिए की जाने वाली यात्रा तथा बच्चो के शुभ कार्य न करे । परंतु इस कुयोग के साथ ही यदि कोई सर्वार्थ सिद्ध योग जैसा शुभ योग भी हो तो इस योग का दुष्प्रभाव जाता रहता है।
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*आगामी व्रत तथा त्यौहार:-*                   
 14 जुला०- प्रदोष व्रत। 15 जुला०- मासिक शिवरात्रि। 16 जुला०- कर्क संक्रांति (पुण्यकाल 11:30 am तक)। 17 जुला०- श्रावण/सोमवती अमावस्या। 18 जुलाई- श्रवण (अधिक) मलमास आरंभ। 29 जुला०- पद्मिनी एकादशी। 30 जुला०- प्रदोष व्रत।
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*विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है*
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*आपका दिन मंगलमय हो*. 💐💐💐
*आचार्य मोरध्वज शर्मा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश*
9648023364
9129998000

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