धारावाहिक लेख:- भगवान शिव, सावन मास पूजन तथा व्रत विधि (भाग -4)
पूर्व मे प्रकाशित भाग के अंश........
सावन का पहला दिन- 4 जुलाई 2023, मंगलवार
सावन का अंतिम दिन - 31 अगस्त (पूर्णिमा)
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक- 15/16 जुलाई।
सावन शिवरात्रि:- 15 जुलाई
सावन सोमवार:-
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई (अधिकमास)
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई (अधिकमास)
सावन का पांचवा सोमवार: 7 अगस्त (अधिकमास)
सावन का छठवां सोमवार: 14 अगस्त (अधिकमास)
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
चान्द्र मास गणना अनुसार वर्ष 2023 मे अधिक मास होने के कारण श्रावण अर्थात सावन मास लगभग दो महीने (59 दिन) का रहेगा। सावन मास का आंरभ दिनांक 4 जुलाई 2023 को होगा, 4 जुलाई से लेकर 31 अगस्त (श्रावण पूर्णिमा) तक की लगभग दो महीने की अवधि तक सावन मास रहेगा।
जिसमे 4 जुलाई से 17 जुलाई तक के सावन कृष्णपक्ष की अवधि को शुद्ध सावन माना जायेगा।
तदोपरान्त 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा।
इसके उपरांत 17 अगस्त से 31 अगस्त तक फिर से सावन शुक्ल पक्ष की अवधि को शुद्ध सावन माना जायेगा।
इस तरह 2023 मे सावन 59 दिनों का होगा। ये दुर्लभ संयोग करीब 19 साल बाद मे निर्मित हो रहा है।
*गतांक से आगे.............*
*सावन माह मे भगवान शिव की अराधना के द्वारा मनोकामना पूर्ण करने के उपाय:-*
1. धन अथवा लक्ष्मी तथा जीवन मे शांति पाने के लिए बेलपत्र या दूब से शिवपूजन करे।
2. आयु तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए चम्पा के फूलो से, विद्या पाने के लिए सावन मास मे मल्लिका या चमेली के फूलो से "श्री हरि" की पूजा करे।
3. संतान या पुत्र की इच्छा करने वाले मनुष्य सावन मास मे कटेरी के पत्तों से शिव तथा विष्णु पूजन करे।
4. बुरे अर्थात अशुभ स्वप्नों से परेशान हो तो मुक्ति हेतु धान्य यानि अनाज से शिव पूजन करे।
5. बिल्वपत्रों पर चंदन से "ऊँ नमः शिवाय" लिखकर उन पत्तों की माला बनाकर भोलेनाथ को अर्पित करें। बिल्वपत्र कहीं से भी फटे हुए यानि खण्डित नही होंने चाहिए।
(शास्त्रों मे इन फूलो या पत्तों को अर्पण करने की संख्या एक लाख कही गई है, जोकि अब संभव नही है अतः इन्हें दस की संख्या मे अर्पित करे।)
6. रोगों से परेशान हैं अौर दवाईयां लेने के बाद भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा हो तो, जल में दूध अौर काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने पर सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है, तथा रोग मुक्ति हेतु कुशा मिश्रित जल से रुद्राभिषेक करने से किसी भी प्रकार की व्याधि अर्थात रोग से मुक्ति मिलती है।
7. जल में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से विवाह तथा वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्याएं दूर होती है। इसके साथ ही गृहस्थ जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाती है।
8. कुंडली में शनि दोषपूर्ण है अौर पीड़ा दे रहा है तो जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से शीघ्र राहत मिलेगी।
9. शिवलिंग पर दूर्वा अर्पित करें। इससे दीर्घायु होती है। ऐसा करने से भोलेनाथ के साथ-साथ श्रीगणेश की भी कृपा प्राप्त होती है।
10. नियमित रूप से आंकड़े (आक) के फूल की माला बनाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
11. शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से घर में लक्ष्मी का वास स्थाई हो जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर अर्पित चावल खंड़ित न हो। ऐसा करने से भगवान शिव के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
12. प्रतिदिन शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करने से घर अौर संतान से संबंधित समस्याएं दूर होती है। इससे संतान के कार्यों में भी सफलता मिलती है।
13. *विशेष:-* विवाहित महिलाएं जिनके दाम्पत्य जीवन मे किसी प्रकार की कमी, कष्ट या दुख आ गया हो वह, तथा विवाह योग्य वह कन्यायें जिनका विवाह होने मे बाधा आ रही हो उन्हे सावन माह के 30 व्रत या सावन के चारो सोमवार के व्रत करने चाहिए तथा साथ मे 40 दिन तक गौरी पूजन करना चाहिये, इससे बाधा- दुख इत्यादि समाप्त होकर सुखी विवाहित जीवन प्राप्त होगा ।
14. पुरूषों को यह व्रत करने से, तथा साथ मे शिवगायत्री मंत्र करने से कारोबारी जीवन मे तरक्की, तथा आर्थिक रूप से मज़बूती मिलती है।
शिव गायत्री मंत्र :-
*ॐ सदाशिवाय विद्महे सहस्राक्ष्याय धीमहि।*
*तन्नः साम्बः प्रचोदयात्॥*
15. जिनकी कुंडली मे कालसर्पदोष या पितृदोष हो, तथा जो व्यक्ति नशे, जुआ, तथा चरित्रहीनता जैसी बुरी लतो के न छोड़ पा रहे हो, वह लोग विधिवत् व्रत रखकर आराधना करते हुए प्रतिदिन "श्री शिवापराध क्षमा स्तोत्र" का पाठ करे, तथा भगवान शिव से अपने पाप कर्मो से मुक्ति हेतु प्रार्थना करे।
चरित्रहीनता तथा अन्य कर्मो से कुलषित हुआ उनका कुल तथा पूर्वज जोकि परलोक से उनके कर्मो को देखते हुए पीड़ा मे तडपते होगें, उन पितरो को को राहत मिलेगी, तथा स्वंय वह मनुष्य अगले जन्मो मे पापो की पुनरावृत्ति से बचते हुए पशु योनि मे जाने से बचेगे । इससे निश्चित रूप से उनके पितरो का उद्धार होगा।
*(क्रमंशः)*
*लेख के पांचवे भाग मे कल "सावन मास मे शिव पूजन द्वारा कष्ट निवारण हेतु उपाय"।*
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*आगामी लेख:-*
*1. 5 जुलाई के पंचांग मे "सावन मास"पर धारावाहिक लेख, तत्पश्चात 16 जुलाई के पंचांग से लेख के चौथे भाग, तथा अगले भागो का प्रसारण।*
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*जय श्री राम*
*कल का पंचांग 🌹🌹🌹*
*रविवार,16.07.2023*
*श्री संवत 2080*
*शक संवत् 1945*
*सूर्य अयन- दक्षिणायन, उत्तर गोल*
*ऋतुः- वर्षा ऋतुः।*
*मास- प्रथम शुद्ध श्रावण मास।*
*पक्ष- कृष्ण पक्ष ।*
*तिथि- चतुर्दशी तिथि 10:08 pm तक*
*चंद्रराशि- चंद्र मिथुन राशि मे।*
*नक्षत्र- आद्ररा ऩक्षत्र 17 जुलाई 2:39 am तक*
*योग- ध्रुव योग 8:33 am तक (शुभ है)*
*करण- विष्टि करण 9:17 am तक*
*सूर्योदय- 5:33 am, सूर्यास्त 7:21 pm*
*अभिजित् नक्षत्र- 11:59 am से 12:55 pm*
*राहुकाल- 5:57 pm से 7:21 pm (शुभ कार्य वर्जित )*
*दिशाशूल- पश्चिम दिशा।*
*जुलाई शुभ दिन:-* 19, 21 (दोपहर 12 उपरांत), 22 (सवेरे 9 उपरांत), 23, 24, 25 (दोपहर 3 तक), 26, 28
*जुलाई अशुभ दिन:-* 16, 17, 18, 20, 27, 29, 30, 31.
*भद्रा:-* 15 जुलाई 8:33 pm से 16 जुलाई 9:21 am तक (भद्रा मे मुण्डन, गृहारंभ, गृहप्रवेश, विवाह, रक्षाबंधन आदि शुभ काम नही करने चाहिये , लेकिन भद्रा मे स्त्री प्रसंग, यज्ञ, तीर्थस्नान, आपरेशन, मुकद्दमा, आग लगाना, काटना, जानवर संबंधी काम किए जा सकतें है)
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*आगामी व्रत तथा त्यौहार:-*
15 जुला०- मासिक शिवरात्रि। 16 जुला०- कर्क संक्रांति (पुण्यकाल 11:30 am तक)। 17 जुला०- श्रावण/सोमवती अमावस्या। 18 जुलाई- श्रवण (अधिक) मलमास आरंभ। 29 जुला०- पद्मिनी एकादशी। 30 जुला०- प्रदोष व्रत।
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*विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है*
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*आपका दिन मंगलमय हो*. 💐💐💐
*आचार्य मोरध्वज शर्मा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश*
9648023364
9129998000
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