लेख:-पापमोचनी एकादशी, 28.03.2022
एकादशी आरंभ- 27.03.2022, 6:06 pm
एकादशी तिथि समाप्त- 28.03.22, 4:17 pm
पापमोचनी एकादशी पारणा मुहूर्त:-29 मार्च 6:15 am से 08:44 तक
अवधि : 2 घंटे 28 मिनट
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस एकादशी के नाम "पापमोचनी" से ही विदित होता है कि यह एकादशी तिथि पापों का मोचन अर्थात नाश करने वाली एकादशी है। मान्यता है कि इस एकादशी का जो भी भक्त श्रद्धा पूर्वक व्रत करता है उसका कल्याण होता है। जो भी व्यक्ति भक्ति भाव से पापमोचनी एकादशी का व्रत करता है और जीवन में अच्छे कार्यों को करने का संकल्प लेता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। पाप मोचनी एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति धन धान्य से पूर्ण होकर ख़ुशी से जीवन व्यतीत करता है।
पापमोचनी एकादशी दो प्रमुख त्योहारो होली और नवरात्रि के मध्य के समय में पड़ती है। वर्ष 2022 को पापमोचनी एकादशी 28 मार्च 2022, सोमवार को पड़ रही है। इसी दिन भगवान् विष्णु का पूजन और ध्यान करने का विधान है।
पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी। पापमोचनी एकादशी के दिन किसी की निंदा और झूठ बोलने से बचना चाहिए। इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भ्रूणघात समेत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिलती है।
पापमोचनी एकादशी व्रत पूजा विधि:-
पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन मनुष्य को तन और मन से शुद्ध होना आवश्यक है । इस व्रत की शुरूआत दशमी के दिन से खान- पान, आचार- विचार द्वारा करनी चाहिए।
1. पापमोचनी एकादशी से एक दिन पूर्व यानि दशमी के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। रात्रि में भगवान का ध्यान करते हुए सोना चाहिए।
2. पापमोचनी एकादशी के दिन साधक को नित क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
3.इसके बाद भगवान विष्णु जी का धूप, दीप, फल, फूल, तिल आदि से पूजा करने का विशेष विधान है। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। एकादशी पर जो व्यक्ति विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।
4. पूरे दिन निर्जल उपवास करना चाहिए, यदि संभव ना हो तो पानी तथा एक समय फल आहार ले सकते हैं। व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन छल-कपट, बुराई और झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस दिन चावल खाने की भी मनाही होती है।
5. द्वादशी के दिन यानि पारण के दिन भगवान का पुनः पूजन कर कथा का पाठ करना चाहिए। कथा पढ़ने के बाद प्रसाद वितरण, ब्राह्मण को भोजन तथा दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए।
6. ब्राह्मण भोजन तथा दक्षिणा इत्यादि के बाद ही स्वयं का उपवास खोलना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी को पथ्य-अपथ्य:-
अपथ्य:-(अर्थात ग्रहण न करने योग्य)
1. व्रती को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, कुलफा का साग इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. मांस, प्याज, मसूर की दाल आदि का निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा भोग-विलास से दूर रहना चाहिए।
4. क्रोध करना तथा अपशब्द बोलना इत्यादि वर्जित है ।
5. एकादशी के दिन बाल कटवाना अर्थात क्षौर कर्म नही करना चाहिए।
6. एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है
पथ्य:-( ग्रहण करने योग्य)
1. केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन किया जा सकता है।
2. एकादशी को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करने से पापो का नाश हो जाता है ।
पापमोचनी एकादशी पौराणिक कथा
पुरातन काल में चैत्ररथ नामक एक बहुत सुंदर वन था। इस जंगल में च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी ऋषि तपस्या करते थे।
इसी वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं, अप्सराओं और देवताओं के साथ विचरण करते थे। मेधावी ऋषि शिव भक्त और अप्सराएं शिवद्रोही कामदेव की अनुचरी थीं।
एक समय कामदेव ने मेधावी ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए मंजू घोषा नामक अप्सरा को भेजा। उसने अपने नृत्य, गान और सौंदर्य से मेधावी मुनि का ध्यान भंग कर दिया। वहीं मुनि मेधावी भी मंजूघोषा पर मोहित हो गए। इसके बाद दोनों ने अनेक वर्ष साथ में व्यतीत किये। एक दिन जब मंजूघोषा ने जाने के लिए अनुमति मांगी तो मेधावी ऋषि को अपनी भूल और तपस्या भंग होने का आत्मज्ञान हुआ।
इसके बाद क्रोधित होकर उन्होंने मंजूघोषा को पिशाचनी होने का श्राप दिया। इसके बाद अप्सरा ने ऋषि के पैरों में गिर पड़ी और श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा। मंजूघोषा के अनेकों बार विनती करने पर मेधावी ऋषि ने उसे पापमोचनी एकादशी का व्रत करने का उपाय बताया और कहा इस व्रत को करने से तुम्हारे पापों का नाश हो जाएगा व तुम पुन: अपने पूर्व रूप को प्राप्त करोगी।
अप्सरा को मुक्ति का मार्ग बताकर मेधावी ऋषि अपने पिता के महर्षि च्यवन के पास पहुंचे। श्राप की बात सुनकर च्यवन ऋषि ने कहा कि- ‘’पुत्र यह तुमने अच्छा नहीं किया, ऐसा कर तुमने भी पाप कमाया है, इसलिए तुम भी पापमोचनी एकादशी का व्रत करो।‘’
इस प्रकार पापमोचनी एकादशी का व्रत करके अप्सरा मंजूघोषा ने श्राप से और मेधावी ऋषि ने पाप से मुक्ति पाई।
(समाप्त)
_________
आगामी लेख
1. 26 मार्च को "पापमोचनी एकादशी" पर लेख।
2. 27 मार्च से "दुर्गा मां, नवसवंत्सर तथा नवरात्रो पर धारावाहिक लेख।
_________
जय श्री राम
आज का पंचांग,दिल्ली 🌹🌹🌹
शनिवार,26.3.2022
श्री संवत 2078
शक संवत् 1944
सूर्य अयन- उत्तरायण, गोल-दक्षिण-उत्तर गोल
ऋतुः- वसन्त ऋतुः ।
मास- चैत्र मास।
पक्ष- कृष्ण पक्ष ।
तिथि- नवमी तिथि 8:04 pm तक
चंद्रराशि- चंद्र धनु राशि मे 8:28 pm तक तदोपरान्त मकर राशि।
नक्षत्र- पू०षाढा नक्षत्र 2:48 pm तक
योग- परिघ योग 10:27 pm तक (अशुभ है)
करण- तैतिल करण 9:04 am तक
सूर्योदय- 6:18 am, सूर्यास्त 6:35 pm
अभिजित् नक्षत्र- 12:02 pm से 12:51 pm
राहुकाल - 9:23 am से 10:55 am (शुभ कार्य वर्जित,दिल्ली )
दिशाशूल- पूर्व दिशा ।
मार्च शुभ दिन:- 26, 27 (सवेरे 7 तक), 28, 29 (दोपहर 3 तक)
मार्च अशुभ दिन:- 30, 31
_________
आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
28 मार्च- पापमोचिनी एकादशी। 29 मार्च- मंगल प्रदोष व्रत (कृष्ण)। 30 मार्च- मासिक शिवरात्रि।1 अप्रैल- अमावस्या। 2 अप्रैल- नवरात्रि/ घटस्थापना। 3 अप्रैल- चेटी चंड। 10 अप्रैल-राम नवमी। 11 अप्रैल- चैत्र नवरात्रि पारणा। 12 अप्रैल- कामदा एकादशी। 14 अप्रैल- प्रदोष व्रत/मेष संक्रांति। 16 अप्रैल- हनुमान जयंती/चैत्र पूर्णिमा व्रत। 19 अप्रैल- संकष्टी चतुर्थी। 26 अप्रैल-वरुथिनी एकादशी। 28 अप्रैल- प्रदोष व्रत। 29 अप्रैल- मासिक शिवरात्रि। 30 अप्रैल- वैशाख अमावस्या।
________
विशेष:- जो व्यक्ति वाराणसी से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु Paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है
________
आपका दिन मंगलमय हो . 💐💐💐
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
English Translation :-
Article:- Papmochani Ekadashi, 28.03.2022
Ekadashi begins - 27.03.2022, 6:06 pm
Ekadashi date ends - 28.03.22, 4:17 pm
Papmochani Ekadashi Parana Muhurta:- 29 March from 6:15 am to 08:44
Duration: 2 hours 28 minutes
Ekadashi of Krishna Paksha of Chaitra month is known as Papmochani Ekadashi, it is known from the name of this Ekadashi "Papamochani" that this Ekadashi date is the Ekadashi that is the redemption of sins. It is believed that the devotee who observes a fast on this Ekadashi gets his welfare. Whoever observes the fast of Papmochani Ekadashi with devotion and resolves to do good deeds in life, all his sins are destroyed and all sorrows get rid of. The person observing the fast of Pap Mochani Ekadashi leads a happy life full of wealth.
Papmochani Ekadashi falls in the middle of two major festivals, Holi and Navratri. In the year 2022, Papmochani Ekadashi is falling on Monday, 28 March 2022. There is a law to worship and meditate on Lord Vishnu on this day.
Papmochani Ekadashi means Ekadashi that destroys sins. On the day of Papmochani Ekadashi, one should refrain from criticizing and telling lies. By observing this fast, one gets freedom from the sins of many serious sins including brahmhatya, gold theft, drinking alcohol, non-violence and feticide.
Papmochani Ekadashi Vrat Puja Method:-
On the day of Papmochani Ekadashi fast, it is necessary for a person to be pure in body and mind. This fast should be started from the day of Dashami with food and drink, conduct and thought.
1. One day before Papmochani Ekadashi i.e. on the day of Dashami, one should not eat food after sunset in the evening. One should sleep at night meditating on God.
2. On the day of Papmochani Ekadashi, sadhak should take a vow of fast after taking bath after retiring from routine activities.
3. After this there is a special law to worship Lord Vishnu with incense, lamp, fruits, flowers, sesame etc. Vishnu Sahasranama should be recited. The person who recites Vishnu Sahasranama on Ekadashi is specially blessed by Lord Vishnu.
4. Waterless fasting should be done throughout the day, if it is not possible then water and fruit food can be taken at one time. The person observing the fast should not tell deceit, evil and lies on this day. Eating rice is also prohibited on this day.
5. On the day of Dwadashi i.e. on the day of Paran, worship the Lord again and recite the story. After reading the story, distribution of prasad, food and dakshina to the Brahmin should be done.
6. One should break his own fast only after Brahmin food and Dakshina etc.
Diet on Papmochani Ekadashi:-
Apathya:- (i.e. unacceptable)
1. The fasting should not take carrot, turnip, cabbage, spinach, greens of Kulfa etc.
2. Prohibited items like meat, onion, lentils etc. should not be consumed.
3. One should follow complete celibacy at night and should stay away from indulgences and luxury.
4. Getting angry and speaking abusive words etc. is prohibited.
5. Hair cut on the day of Ekadashi means Kshaur Karma should not be done.
6. It is forbidden to eat rice and sago on Ekadashi.
Diet:- (Adaptable)
1. Banana, mango, grapes, almond, pistachio etc. nectar fruits can be consumed.
2. Taking bath on Ekadashi using amla juice destroys sins.
Papmochani Ekadashi Mythology
In ancient times there was a very beautiful forest called Chaitraratha. In this forest, the meritorious sage, son of Chyawan Rishi, used to do penance.
In this forest, Devraj Indra used to roam with Gandharva girls, Apsaras and deities. The meritorious sage Shiva was the devotee and the apsaras were the followers of Shiva, the traitorous Kamdev.
Once Kamadeva sent a nymph named Manju Ghosha to disturb the penance of a meritorious sage. He distracted the meritorious sage with his dance, singing and beauty. At the same time, Muni Medhavi was also fascinated by Manjughosha. After that both of them spent many years together. One day when Manjughosha asked permission to go, the meritorious sage realized his mistake and broke his penance.
After this, getting angry, he cursed Manjughosha to be a vampire. After this, the Apsara fell at the feet of the sage and asked for a way to get rid of the curse. After many requests of Manjughosha, the meritorious sage told him the way to observe the fast of Papmochani Ekadashi and said that by observing this fast your sins will be destroyed and you will regain your former form.
By telling Apsara the path of salvation, the meritorious sage reached his father's Maharishi Chyawan. Hearing the curse, the sage Chyawan said, "Son, you have not done well, you have also earned a sin by doing this, so you should also fast on Papmochani Ekadashi."
Thus by observing Papmochani Ekadashi, Apsara Manjughosha got rid of the curse and the meritorious sage got freedom from sin.
(End)
upcoming articles
1. Article on "Papmochani Ekadashi" 26 March.
2. Serial articles on "Durga Maa, Navaswantsar and Navratra from March 27".
Long live Rama
Today's Panchang, Delhi
Saturday, 26.3.2022
Shree Samvat 2078
Shaka Samvat 1944
Surya Ayan- Uttarayan, Round-South-North Round
Rituah - the spring season.
Month - Chaitra month.
Paksha - Krishna Paksha.
Date - Navami date up to 8:04 pm
Moon sign- Moon in Sagittarius till 8:28 pm and then Capricorn.
Nakshatra - Pooshadha Nakshatra till 2:48 pm
Yoga- Parigha Yoga till 10:27 pm (inauspicious)
Karan- Taitil Karan till 9:04 am
Sunrise - 6:18 am, Sunset 6:35 pm
Abhijit Nakshatra - 12:02 pm to 12:51 pm
Rahukaal - 9:23 am to 10:55 am (Good work forbidden, Delhi )
Direction – East direction.
March Lucky Days:- 26, 27 (till 7 am), 28, 29 (till 3 pm)
March inauspicious days:- 30, 31
Upcoming fasts and festivals:-
March 28 - Papmochini Ekadashi. March 29- Mangal Pradosh Vrat (Krishna). March 30 - Monthly Shivratri. April 1 - Amavasya. April 2 - Navratri / Ghatasthapana. April 3 - Cheti Chand. April 10 - Ram Navami. April 11- Chaitra Navratri Parana. April 12 - Kamada Ekadashi. April 14 - Pradosh fast / Aries Sankranti. April 16 - Hanuman Jayanti / Chaitra Purnima Vrat. April 19 - Sankashti Chaturthi. April 26 - Varuthini Ekadashi. April 28 - Pradosh fast. April 29 - Monthly Shivratri. April 30 – Vaishakh Amavasya.
Special:- The person who lives outside Varanasi or outside the country, he can get astrological consultation by phone, by paying the consultation fee through Paytm or Bank transfer for astrological consultation.
Have a good day .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें