14 जनवरी 2024

धारावाहिक लेख:- मकरसक्रांन्ति, 15.01. 2024, भाग-3, अंतिम


धारावाहिक लेख:- मकरसक्रांन्ति, 15.01. 2024, भाग-3, अंतिम

*मकरसक्रांन्ति, 15.01.2024*
*सूर्य का मकर राशि प्रवेश-14/15 जन० मध्यरात्रि 2:43 am* 
*मकर संक्रान्ति पुण्यकाल- 15 जनवरी, 7:15 am से 5:46 pm*
*सक्रांति महापुण्यकाल- 15 जनवरी 7:15 am से 9 am तक*

*(विशेष:- पुण्यकाल का तात्पर्य है, स्नान-दान, पूजा-पाठ, तर्पण इत्यादि पुण्य कर्मकरने का समय।)*

विभिन्न हिन्दु मान्यता के अनुसार वर्ष 2024 मे मकर सक्रांति का त्यौहार, दिनांक 15 जनवरी को मनाया जायेगा। 

*(स्मरण योग्य- पुण्यकाल का तात्पर्य है, स्नान-दान, पूजा-पाठ, तर्पण इत्यादि पुण्य कर्मकरने का समय।)*

मकर संक्रान्ति-तारीख 14 जनवरी, रविवार को अर्द्धरात्रि के बाद 2 बजकर 43 मिंनट पर तुला लग्न में प्रवेश करेगी।  इस संक्रान्ति का पुण्यकाल अगले दिन 15 जनवरी को प्रात: 9:07 बजे तक रहेगा। 

वारानुसार घोरा तथा नक्षत्रानुसार महोदरी नामक यह संक्रान्ति चोर, बेईमान तथा नीच प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए लाभदायक रहेगी। 

संक्रान्ति राशिफल-यह संक्राति मेष, वृष, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर तथा कुम्भ राशि वालो के लिए शुभ रहेगी। संक्रान्ति कुंडली के अनुसार विश्व तथा भारत की राजनीति में विशेष उथल-पुथल रहेगी। केन्द्रीय लोग दुःखी एवं असहाय अनुभव करेंगे। देश में भय एवं अस्थिरता का वातावरण बनेगा। 

मकर संक्रान्ति (15 जनवरी) को गंगाजल आदि पवित्र तीर्थ जलों से स्नान-उपरान्त भगवान् विष्णु पूजन, तिलों से हवन, तिलयुक्त वस्तुओं का दान व भगवान् पुरुष-सूक्त, श्रीसूक्त, सूर्याष्टक-स्तोत्र, सूर्य द्वादशनाम तथा पितृ-तर्पण करके ब्राह्मणों को खीर सहित भोजन, वस्त्र, अनाज, फल, तिल, घृतादि सहित धार्मिक पुस्तकादि का दक्षिणा सहित दान का महत्त्व होता है। का विशेष माहात्म्य होता है। इस दिन हरिद्वार, प्रयागराज, काशी, कुरुक्षेत्र आदि तीर्थों पर स्नान-दान, जपादि का भी विशेष माहात्म्य होता है। 

मकर सक्रांति के दिन (14/15 जनवरी) से माघ माहात्म्य पाठ आरम्भ करके माघ मास के अंत (24 फरवरी तक) तक नित्यप्रति पाठ करने का विशेष माहात्म्य होता है। 

इन दिनो तीथों पर स्नानदानादि का भी विशेष माहात्म्य होता है। वहाँ न जा सके तो गृह में ही श्रद्धापूर्वक स्नान करें, वहीं उनका स्मरण करें। 
तथा निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:-

 *गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वती, नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् संनिधं कुरु।*

*मकरसंक्रान्ति पर किए जाने वाले शुभ कार्य तथा दान कर्म:-*
सक्रांति काल में तीर्थ स्नान का विशेष महत्त्व हैं । गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के किनारे स्थित क्षेत्र में स्नान करने वाले को महापुण्य का लाभ मिलता है।’
 
इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व बताया है। कहते हैं इस संक्रांति में किया गया स्नान-दान इत्यादि शुभ कर्म लोक-परलोक दोनों में ही सुख और समृद्धि प्रदान करता है। 

1. मकरसंक्रान्ति के शुभ दिन प्रातःकाल से लेकर सूर्यास्त तक देश के किसी भी पवित्र तीर्थ स्थान, संगमस्थल, नदी, कुंओ, बावडी, सरोवर इत्यादि मे स्नान करे। गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा व कावेरी इन तीन नदियो मे, तथा गंगासागर जैसे तीर्थों मे स्नान करने से अधिक पुण्य मिलता है । 

जो लोग व्यस्तताओ के कारण इन स्थानो पर न जा पाये वह प्रातःकाल स्नान के जल मे गंगाजल मिलाकर स्नान करे, संभव हो तो नहाने के जल की बाल्टी लेकर बाहर खुले मे स्नान करे, क्योकि इस दिन वातावरण मे शुभ सत्च तंरगे अघिक होती है ।

2. स्नान करने के उपरांत एक तांबे के लोटे मे जल भरकर उसमे थोडा गुड, लाल चंदन, रोली, चावल, तथा लाल फूल डालकर मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दे ।
मन्त्र 
*1. ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:*

*2. *ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम:* 

3.शिव मंदिर मे जलाभिषेक करके तिल के तेल से ज्योत जलाये ।  

4. श्रीविष्णु पूजन, सूर्यजप, सूर्याष्टकम,  पुरुषसूक्त तथा स्तोत्र पाठ करे ।

5. काले तिलो से पितृृश्राद्ध अर्थात तिलांजलि दे । विधिवत पितृरो के उद्धार के लिए इस दिन पिंडदान करना अत्यंत पुण्यदायी है ।

6. विद्धान को अन्नदान, घृत यानि धी दान,नए बर्तन, वस्त्रदान, रजाई-कम्बल, फल, तथा तिल और गुड से बने लड्डू-रेवडी, तिलपात्र गुड, गाय, घोडा, स्वर्ण, स्वर्ण अथवा भूमि का इत्यादि यथाशक्ति दान करने से अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है।

मकर सक्रांति के दिन सुहागिन स्त्रियां को हल्दी- कुमकुम का दान करना चाहिए, इसे ‘उपायन देना’ कहते हैं। कुछ पदार्थ कुमारी कन्याओं से भी दान करवाना चाहिए। 
 
7. जो व्यक्ति अपने ऊपर से ग्रहो का,या मारकेष का बुरा प्रभाव हटाना चाहे वह इस दिन तुलादान अवश्य करे ।

8. मकर सक्रांति के दिन उडद की दाल, चावल, देसी धी, तथा नमक का दान धर्म स्थान पर करे ।

9. इस दिन उडद की दाल की खिचड़ी बनाकर भगवान को भोग लगाकर अधिक से अधिक मात्रा मे बांटने से अत्यधिक पुण्य प्राप्ति होती है ।

इस पर्वकाल में किया गया दान एवं पुण्यकर्म विशेष फलप्रद होता है ।

10. तिल में सत्त्व तरंगें ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है । इसलिए तिल गुड का सेवन करने से अंतःशुद्धि होती है, अतः इस दिन तिल का तेल एवं उबटन शरीर पर लगाना, तिल मिश्रित जल से स्नान, तिल मिश्रित जल पीना, तिल होम करना, तिल दान करना, इन छहों पद्धतियों से तिल का उपयोग करने वालों के सर्व पाप नष्ट होते हैं।

11. संक्रांति के पर्वकाल में दांत मांजना, कठोर बोलना, वृक्ष एवं घास काटना तथा काम-विषय सेवन करना, ये कृत्य पूर्णतः वर्जित हैं।’

*(समाप्त)*
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*आगामी लेख:-*
*1. 12 जनवरी के पंचांग मे "मकर सक्रांति पर्व" विषय पर धारावाहिक लेख।*
*2. 15 जनवरी के पंचांग मे "उत्तरायण/दक्षिणायन" विषय पर लेख।*
*3. 16 जनवरी के पंचांग मे "गुरु गोबिन्द सिंह जयंती" विषय पर लेख।*
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☀️

*जय श्री राम*
*कल का पंचांग 🌹🌹🌹*
*रविवार, 14.01.2024*
*श्री संवत 2080*
*शक संवत् 1945*
*सूर्य अयन- उत्तरायण, दक्षिण गोल*
*ऋतुः- शिशिर ऋतुः।*
*मास:- पौष।*
*पक्ष- शुक्ल पक्ष।*
*तिथि- तृतीया तिथि 7:59 am तक (चतुर्थी तिथि का क्षय)।*
*नक्षत्र- धनिष्ठा नक्षत्र 10:22 am तक*
*योग- व्यतिपात योग 15 जन० 2:40 am तक* (अशुभ है)*
*करण- गर करण 7:59 am तक* 
*चंद्रराशि- चंद्र कुंभ राशि मे।*
*सूर्योदय- 7:15 am, सूर्यास्त 5:45 pm*
*अभिजित् नक्षत्र-12:09 pm से 12:51 pm तक*
*राहुकाल- 4:26 pm से 5:45 pm तक (शुभ कार्य वर्जित )*
*दिशाशूल- पश्चिम दिशा।*

*जनवरी शुभ दिन:-* 15, 17, 18 (सवेरे 9 उपरांत), 19, 21 (सवेरे 7 तक), 22, 23 (सवेरे 8 तक), 24, 25 (सवेरे 11 उपरांत), 26, 27, 28 (सायंकाल 5 तक), 30, 31.
*अशुभ दिन:-* 14, 16, 20, 29.

*पंचक प्रारंभ:- 13 जन० 11:35 pm से 18 जन० 3:34 am तक*  पंचक नक्षत्रों  मे निम्नलिखित काम नही करने चाहिए, 1.छत बनाना या स्तंभ बनाना (lantern  or Pillar) 2.लकडी  या  तिनके तोड़ना , 3.चूल्हा लेना या बनाना, 4. दाह संस्कार करना (cremation) 5.पंलग चारपाई, खाट , चटाई  बुनना  या बनाना 6.बैठक का सोफा या गद्दियाँ बनाना। 7. लकड़ी, तांबा, पीतल को जमा करना ।(इन कामो के सिवा अन्य सभी शुभ काम पंचको मे किए जा सकते है।

*रवि योग:- 14 जन० 10:23 am से 15 जन० 8:07 am तक*  यह एक शुभ योग है, इसमे किए गये दान-पुण्य, नौकरी  या सरकारी नौकरी को join करने जैसे कायों मे शुभ परिणाम मिलते है । यह योग, इस समय चल रहे, अन्य बुरे योगो को भी प्रभावहीन करता है।
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*आगामी व्रत तथा त्यौहार:-*              
15 जन०- पोंगल/उत्तरायण/मकर संक्रांति (संक्राति पुण्यकाल- 15 जन० 9:07 am तक) 17 जन०- गुरू गोबिन्द सिंह जयंती/मार्तण्ड सप्तमी। 21 जन०- पौष पुत्रदा एकादशी। 23 जन०- प्रदोष व्रत। 25 जन०- पौष पूर्णिमा व्रत। 29 जन०- संकष्टी चतुर्थी।   
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*विशेष:- जो व्यक्ति online परामर्श लेना चाहते हो वह paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है*
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*आपका दिन मंगलमय हो*. 💐💐💐
*आचार्य मोरध्वज शर्मा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश*
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